भारतवंशी प्रतिभाओं का वैश्विक सम्मान, मीरा स्याल समेत प्रमुख ब्रिटिश-भारतीय चार्ल्स तृतीय की सूची में शामिल
punjabkesari.in Tuesday, Dec 30, 2025 - 07:30 PM (IST)
London: प्रसिद्ध ब्रिटिश-भारतीय कलाकार मीरा स्याल लंदन में मंगलवार को जारी उन ब्रिटिश-भारतीयों की सूची में शामिल हैं, जिन्हें महाराजा चार्ल्स तृतीय ने नव वर्ष पर विभिन्न उपाधियों से सम्मानित किया है। स्याल को ‘डेमहुड' की उपाधि से नवाजा गया है। लंदन में रहने वाली हास्य कलाकार, लेखिका, अभिनेत्री और फिल्म निर्माता को “साहित्य, नाटक और परोपकार के क्षेत्र में सेवाओं” के लिए ‘डेम मीरा' की उपाधि से सम्मानित किया गया है। प्रधानमंत्री कार्यालय ‘डाउनिंग स्ट्रीट' ने कहा कि इस साल ब्रिटेन के हर कोने से 1,157 लोग इन उपाधियों के लिए चुने गए हैं और विशेष रूप से उन लोगों पर ध्यान केंद्रित किया गया है, जिन्होंने अपने समुदायों के लिए असाधारण योगदान दिया है।
प्रधानमंत्री केअर स्टॉर्मर ने कहा, “इस वर्ष की सूची ब्रिटेन के सर्वश्रेष्ठ लोगों को सम्मानित करती है, जिन्होंने समुदायों को मजबूत करने और उनका जीवन बदलने के लिए खुद से पहले लोगों की भलाई को तरजीह दी।” स्याल का जन्म इंग्लैंड के वेस्ट मिडलैंड्स क्षेत्र के वॉल्वरहैम्प्टन में हुआ था। उनके माता-पिता पंजाबी थे और वे दिल्ली से आकर यहां बसे थे। स्याल को ‘गुडनैस ग्रेशियस मी' और ‘द कुमार्स एट नंबर 42' जैसे लोकप्रिय कॉमेडी शो के लिए जाना जाता है। इस साल ‘डेम' की उपाधि हासिल करने वालों में स्याल के साथ प्रोफेसर मीना उपाध्याय ओबीई भी शामिल हैं, जिन्हें वेल्स में सामुदायिक एकता और ‘मेडिकल जेनेटिक्स' के क्षेत्र में सेवाओं के लिए सम्मानित किया गया है।
भारत में जन्मी उपाध्याय अपने क्षेत्र की अग्रणी विशेषज्ञ हैं और बीमारियों के लिए जिम्मेदार आनुवंशिक उत्परिवर्तनों की पहचान से जुड़े कार्यों में सक्रिय रही हैं। साल 2025 की सम्मान सूची में जगह पाने वाले अन्य प्रमुख ब्रिटिश-भारतीयों में टीएलसी समूह के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) पावन पोपट भी शामिल हैं, जिन्हें ‘ऑफिसर ऑफ द ऑर्डर ऑफ द ब्रिटिश एम्पायर' से सम्मानित किया गया है। उन्हें यह उपाधि विभिन्न पीढ़ियों के लिए आवास व्यवस्था, समावेशी एवं स्वस्थ रहने योग्य स्थानों के विकास और वरिष्ठ नागरिकों की देखभाल के क्षेत्र में योगदान के लिए दी गई है।
पोपट ने कहा, “मेरे माता-पिता और मेरे गुरु मोरारी बापू ने मुझे विनम्रता, करुणा और दूसरों की सेवा का महत्व सिखाया है। इन शिक्षाओं ने न केवल मेरे काम को, बल्कि मेरे दैनिक आचरण को भी आकार दिया है।” उन्होंने कहा, “मैं भारतीय समुदाय के लिए इस तरह से काम करना जारी रखूंगा कि पीढ़ियां आपसी समझ और सम्मान के भाव के साथ एक-दूसरे के साथ रह सकें।”
