‘चंद्रयान 3' के रोवर ‘प्रज्ञान' ने वह काम कर दिया है जिसकी हमें उम्मीद थी, इसरो प्रमुख ने दी बड़ी जानकारी

punjabkesari.in Thursday, Sep 28, 2023 - 07:09 PM (IST)

नेशनल डेस्क: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के प्रमुख एस. सोमनाथ ने बृहस्पतिवार को कहा कि उनके चंद्र मिशन ‘चंद्रयान-3' के रोवर ‘प्रज्ञान' ने वह काम कर दिया है जो इससे किए जाने की अपेक्षा की गई थी और यदि यह वर्तमान निष्क्रिय अवस्था (स्लीप मोड) से सक्रिय होने में विफल रहता है तो भी कोई समस्या नहीं होगी। वह गुजरात के गिर सोमनाथ जिले में सोमनाथ मंदिर दर्शन करने गए थे और इसके बाद यहां संवाददाता सम्मेलन में उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय अंतरिक्ष एजेंसी अब एक्सपीओसैट या एक्स-रे पोलरिमीटर उपग्रह प्रक्षेपण के लिए तैयारी कर रही है और यह प्रक्षेपण नवंबर या दिसंबर में किया जा सकता है।
PunjabKesari
चंद्रमा पर वर्तमान में ‘प्रज्ञान' के सुप्तावस्था या निष्क्रिय अवस्था में होने की स्थिति पर इसरो प्रमुख ने कहा कि चंद्रमा पर तापमान शून्य से लगभग 200 डिग्री सेल्सियस नीचे जाने पर अत्यधिक प्रतिकूल मौसम के कारण इसके इलेक्ट्रॉनिक सर्किट यदि क्षतिग्रस्त नहीं हुए हैं, तो यह फिर से सक्रिय हो जाएगा। उन्होंने कहा, ‘‘यदि यह सक्रिय नहीं हुआ तो भी ठीक है क्योंकि रोवर ने वह काम कर दिया है जो इससे करने की अपेक्षा की गई थी।''
PunjabKesari
इसरो ने पिछले सप्ताह कहा था कि चंद्रमा पर सुबह होने के साथ ही ‘चंद्रयान-3' के सौर ऊर्जा से संचालित लैंडर ‘विक्रम' और रोवर ‘प्रज्ञान' के साथ संपर्क स्थापित कर इन्हें फिर से सक्रिय करने का प्रयास कर रहा है ताकि वे वैज्ञानिक प्रयासों को जारी रख सकें। चंद्रमा पर रात होने से पहले, लैंडर और रोवर दोनों क्रमशः चार और दो सितंबर को निष्क्रिय अवस्था में चले गए थे। सोमनाथ ने आगामी मिशन के बारे में कहा कि इसरो अब एक्सपीओसैट या एक्स-रे पोलरिमीटर उपग्रह के लिए तैयारी कर रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘यह एक्सपोसैट तैयार है और इसे हमारे पीएसएलवी रॉकेट के जरिए प्रक्षेपित किया जायेगा।
PunjabKesari
हमने अभी तक किसी तारीख की घोषणा नहीं की है, लेकिन इसका प्रक्षेपण नवंबर या दिसंबर में किया जा सकता है।'' सोमनाथ ने कहा कि एक और मिशन ‘इन्सैट-3डीएस' की भी तैयारी है, जो एक जलवायु उपग्रह है और जिसे दिसंबर में प्रक्षेपित किया जायेगा। उन्होंने कहा, ‘‘फिर हम एसएसएलवी डी3 का प्रक्षेपण करेंगे। जैसा कि आप जानते हैं यह हमारा लघु उपग्रह प्रक्षेपण यान है। यह तीसरा प्रक्षेपण है। यह प्रक्षेपण नवंबर या दिसंबर में किया जायेगा। इसके बाद नासा-इसरो सिंथेटिक एपर्चर रडार या निसार की बारी आएगी। इसे अगले साल फरवरी में प्रक्षेपित किया जाएगा।'' उन्होंने कहा कि ‘गगनयान' मिशन के परीक्षण यान ‘डी1' का प्रक्षेपण अक्टूबर में किया जाएगा।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Editor

rajesh kumar

Related News

Recommended News