क्या आप तो नहीं ले रहे ये दवाईयां? CDSCO ने इन 35 दवाओं पर लगाई रोक
punjabkesari.in Friday, Apr 18, 2025 - 12:48 PM (IST)

नेशनल डेस्क: केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (CDSCO) ने हाल ही में एक बड़ा फैसला लिया है। उन्होंने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के औषधि नियंत्रकों को निर्देश दिया है कि 35 "फिक्स्ड-डोज कॉम्बिनेशन" (FDC) दवाओं के उत्पादन, बिक्री और वितरण पर रोक लगाई जाए। यह कदम आम जनता की सेहत को ध्यान में रखते हुए उठाया गया है।
किन दवाओं पर रोक लगी है?
इन 35 दवाओं में कुछ दर्द निवारक (Painkillers), पोषण संबंधी सप्लीमेंट्स (Nutritional Supplements) और डायबिटीज के इलाज में इस्तेमाल होने वाली दवाएं शामिल हैं। सरकार का कहना है कि ये दवाएं स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक साबित हो सकती हैं।
पहले भी लग चुकी हैं पाबंदियां
पिछले साल अगस्त 2024 में भी सरकार ने 156 FDC दवाओं पर रोक लगाई थी, जो बुखार, सर्दी, एलर्जी और दर्द के इलाज में इस्तेमाल होती थीं। तब भी यही कहा गया था कि ये दवाएं सेहत के लिए खतरनाक हैं। लेकिन फिर भी ऐसी दवाएं बाजार में आ रही हैं। इसका मतलब है कि व्यवस्था में कहीं न कहीं गंभीर खामी है।
ऐसी दवाएं बाजार में कैसे पहुंचती हैं?
ये चिंता का विषय है कि देश में दवाओं को लेकर एक मजबूत निगरानी तंत्र होने के बावजूद, ये खतरनाक दवाएं बाजार में उपलब्ध हो जाती हैं। कोई भी दवा पहले निर्माण होती है, फिर उसे लाइसेंस मिलता है और उसके बाद बाजार में बिक्री होती है। अगर कोई दवा वर्षों तक बिकती रही है और फिर अचानक उस पर रोक लगती है, तो सवाल उठता है कि उस बीच जनता की सेहत के साथ जो खिलवाड़ हुआ, उसका जिम्मेदार कौन है?
जिम्मेदारी तय होनी चाहिए
अगर कोई दवा खतरनाक पाई जाती है, तो उसका जिम्मा सिर्फ दवा कंपनी पर नहीं होना चाहिए। जिन सरकारी एजेंसियों ने उन्हें लाइसेंस दिया, उन्हें भी जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए। क्या सिर्फ दवा कंपनियों को दोषी ठहराना सही होगा या फिर सरकार के संबंधित विभागों को भी कठघरे में खड़ा किया जाना चाहिए?