''राफेल विमान पाकिस्तान ने गिराए, मोदी चुप क्यों?'' - तेलंगाना के CM रेवंत रेड्डी का प्रधानमंत्री पर तीखा हमला
punjabkesari.in Thursday, May 29, 2025 - 10:38 PM (IST)

नेशनल डेस्कः तेलंगाना के मुख्यमंत्री ए. रेवंत रेड्डी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तीखा हमला करते हुए कहा कि उन्हें 140 करोड़ भारतीयों को बताना चाहिए कि हालिया सैन्य संघर्ष के दौरान पाकिस्तान की सेना ने हमारे कितने राफेल विमान मार गिराए। रेड्डी ने यह बयान तेलंगाना में आयोजित 'जय हिंद' रैली में दिया, जिसमें उन्होंने मोदी सरकार पर पाकिस्तान के साथ सैन्य संघर्ष के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के हस्तक्षेप के बाद युद्धविराम स्वीकार करने का आरोप लगाया।
उन्होंने कहा कि मोदी ने पाकिस्तान के साथ युद्ध शुरू करने से पहले सर्वदलीय बैठक क्यों बुलाई थी, लेकिन युद्ध समाप्त करने से पहले ऐसा क्यों नहीं किया। रेड्डी ने यह भी आरोप लगाया कि मोदी के करीबी लोगों को हजारों करोड़ रुपये के ठेके दिए गए, जिनसे राफेल विमान खरीदे गए। उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि मोदी को यह बताना चाहिए कि हालिया युद्ध के दौरान पाकिस्तान ने कितने राफेल विमान मार गिराए।
प्रधानमंत्री मोदी ने 2019 में भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष के दौरान कहा था कि यदि भारत के पास राफेल विमान होते, तो स्थिति अलग होती। उन्होंने यह टिप्पणी भारत के एयर स्ट्राइक के बाद पाकिस्तान के जवाबी हमले के संदर्भ में की थी। इस दौरान भारत का एक मिग-21 विमान गिरा था, जबकि पाकिस्तान का एक एफ-16 विमान भी गिराया गया था। हालांकि, भारत ने पाकिस्तान के एफ-16 विमान को मार गिराने के दावे को प्रमाणित नहीं किया है।
रेड्डी ने यह भी आरोप लगाया कि मोदी सरकार ने पुलवामा हमले के बाद पाकिस्तान के खिलाफ सर्जिकल स्ट्राइक का राजनीतिक लाभ उठाया। उन्होंने कहा कि मोदी के लिए सब कुछ राजनीति है और यह देश के लिए सही नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि अगर कांग्रेस सरकार होती तो देश की आंतरिक सुरक्षा की जिम्मेदारी किसी और के हाथ में नहीं होती।
इस बयान के बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने रेवंत रेड्डी पर पलटवार किया। भाजपा के प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कहा कि कांग्रेस पार्टी पाकिस्तान और आतंकवाद के प्रति नरम रुख अपना रही है और भारत की सैन्य वीरता पर सवाल उठा रही है। उन्होंने यह भी कहा कि रेवंत रेड्डी पाकिस्तान को क्लीन चिट दे रहे हैं।
यह विवाद भारतीय राजनीति में राष्ट्रीय सुरक्षा और विदेश नीति के मुद्दों पर गहरे मतभेदों को उजागर करता है। जहां एक ओर कांग्रेस नेताओं ने मोदी सरकार की नीतियों पर सवाल उठाए हैं वहीं दूसरी ओर भाजपा ने इन आरोपों को राजनीतिक विरोध के रूप में देखा है।