CDS अनिल चौहान और तीनों सेनाध्यक्षों ने राष्ट्रपति को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की जानकारी दी, राष्ट्रपति ने वीरता की सराहना की

punjabkesari.in Wednesday, May 14, 2025 - 01:19 PM (IST)

नेशनल डेस्क: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से बुधवार को प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (CDS) जनरल अनिल चौहान और थल, वायु और नौसेना प्रमुखों ने मुलाकात की। इस महत्वपूर्ण बैठक में उन्हें भारत द्वारा किए गए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की विस्तृत जानकारी दी गई। भारत ने 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के जवाब में ‘ऑपरेशन सिंदूर' के तहत छह और सात मई की दरमियानी रात पाकिस्तान में आतंकवादी ठिकानों पर सटीक हमले किए। 

'ऑपरेशन सिंदूर': आतंक के खिलाफ सटीक प्रहार
‘ऑपरेशन सिंदूर’ भारत का एक सटीक सैन्य अभियान था, जिसे 6 और 7 मई की दरम्यानी रात पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों को निशाना बनाकर अंजाम दिया गया। यह अभियान 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले के जवाब में किया गया, जिसमें 26 निर्दोष नागरिकों की जान चली गई थी।

तीनों सेनाओं का समन्वित प्रयास
बैठक में थलसेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी, वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल ए. पी. सिंह और नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के. त्रिपाठी मौजूद रहे। इन सभी अधिकारियों ने राष्ट्रपति को बताया कि कैसे तीनों सेनाओं ने तालमेल बनाकर ऑपरेशन को सफलतापूर्वक अंजाम दिया।

राष्ट्रपति ने की वीरता और समर्पण की सराहना
राष्ट्रपति भवन की ओर से जारी बयान में कहा गया, “राष्ट्रपति ने आतंकवाद के खिलाफ जवाबी कार्रवाई में भारतीय सशस्त्र बलों की वीरता, समर्पण और पेशेवर दक्षता की सराहना की। उन्होंने कहा कि सशस्त्र बलों ने एक बार फिर साबित किया है कि राष्ट्र की सुरक्षा सर्वोपरि है।”

'ऑपरेशन सिंदूर' की गोपनीयता और रणनीति
सूत्रों के अनुसार, इस ऑपरेशन को अत्यंत गोपनीयता से अंजाम दिया गया और सटीक खुफिया जानकारी के आधार पर सीमापार आतंकी ठिकानों पर निशाना साधा गया। यह एक रणनीतिक और राजनीतिक रूप से संवेदनशील अभियान था, जिसमें नागरिक ठिकानों को कोई क्षति नहीं पहुँचाई गई।

भारत चुप नहीं बैठेगा
इस अभियान के माध्यम से भारत ने स्पष्ट कर दिया है कि वह आतंकवाद के खिलाफ किसी भी हद तक जा सकता है और आतंकवाद को बढ़ावा देने वाले देशों को करारा जवाब देने में सक्षम है। यह सिर्फ सैन्य नहीं, बल्कि कूटनीतिक मोर्चे पर भी एक सशक्त संदेश था।

सशस्त्र बलों का मनोबल बढ़ाना
राष्ट्रपति, जो भारत की सर्वोच्च कमांडर होती हैं, का सशस्त्र बलों से इस प्रकार का सीधा संवाद सेना के मनोबल को बढ़ाता है। इस मुलाकात का संदेश देशवासियों तक भी गया कि सरकार, सेना और संवैधानिक संस्थाएं एकजुट हैं।


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News Editor

Rahul Rana

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