सावधान! दिल्ली में बढ़ेगी ठंड, वायु प्रदूषण की स्थिति गंभीर, AQI 400, जानें मौसम की पूरी रिपोर्ट
punjabkesari.in Friday, Nov 08, 2024 - 09:20 AM (IST)
नेशनल डेस्क: दिल्ली में इस साल नवंबर का महीना शुरू होते ही मौसम की स्थिति में असमान्य बदलाव देखने को मिल रहा है। आम तौर पर नवंबर के महीने में हल्की ठंड का अहसास होने लगता है, लेकिन इस बार दिल्ली में गर्मी और प्रदूषण का असर ज्यादा महसूस हो रहा है। अक्टूबर तो 73 सालों में सबसे गर्म महीना साबित हुआ, वहीं नवंबर भी काफी गर्म रहा। इस बीच, दिल्ली में प्रदूषण की समस्या भी गंभीर हो गई है, जिससे राजधानी की हवा जहरीली हो गई है और स्मॉग के कारण दृश्यता भी कम हो गई है।
दिल्ली में प्रदूषण का संकट: AQI 400 के करीब
दिल्ली में वायु प्रदूषण की स्थिति लगातार बिगड़ती जा रही है। 8 नवंबर, 2024 को दिल्ली का एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 383 दर्ज किया गया, जो स्वास्थ्य के लिए बेहद खतरनाक है। राजधानी के कई इलाकों में AQI 400 से भी ऊपर चला गया है, जिससे सांस लेना मुश्किल हो रहा है। इस उच्च AQI के कारण प्रदूषित हवा में लोगों को खासी परेशानी हो रही है, खासकर बच्चों, बुजुर्गों और श्वास से जुड़ी समस्याओं वाले व्यक्तियों के लिए यह स्थिति बहुत ही खतरनाक हो सकती है। दिल्ली में प्रदूषण का मुख्य कारण कई कारक हैं, जैसे वाहन धुंआ, निर्माण कार्य, जलती हुई पराली और मौसम की स्थितियां। खासकर, तापमान में कमी, हवाओं की गति धीमी होना, और धुंए के कारण प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ रहा है। मौसम विभाग के अनुसार, अगर इस बीच बारिश होती, तो यह प्रदूषण को थोड़ी राहत दिला सकती थी, लेकिन इस महीने बारिश होने की संभावना बेहद कम है।
प्रदूषण की गंभीरता
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के आंकड़ों के मुताबिक, दिल्ली में लगातार 9वें दिन वायु गुणवत्ता बहुत खराब रही है। 30 अक्टूबर को दिल्ली का AQI 307 था, और इसके बाद से यह 400 के आसपास बना हुआ है। पिछले 7 दिनों में प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ा है, और 3 नवंबर को AQI 382 तक पहुंच गया था, जो इस साल का सबसे उच्च AQI रहा। वायु प्रदूषण के इस बढ़ते स्तर की वजह से दिल्ली में स्वास्थ्य पर भारी असर पड़ा है। खासकर बाहरी गतिविधियों और खेलकूद में शामिल होने के लिए यह एक खतरनाक समय है। कई इलाके जैसे आनंद विहार, पंजाबी बाग, मजनू का टीला, और शाहदरा में AQI 400 से भी अधिक दर्ज किया गया है।
बारिश की संभावना नहीं, प्रदूषण और बढ़ेगा
हालांकि पश्चिमी विक्षोभ के एक्टिव होने से दिल्ली में मौसम में बदलाव आने की उम्मीद थी, लेकिन इस बार अक्टूबर और नवंबर में यह प्रभावी नहीं रहा। पश्चिमी विक्षोभ की वजह से आमतौर पर दिल्ली में ठंडक बढ़ने के साथ-साथ बारिश भी होती है, जिससे प्रदूषण में कमी आती है। लेकिन इस बार, पश्चिमी विक्षोभ बहुत कमजोर साबित हो रहा है, जिससे न तो ठंड आई है और न ही बारिश। मौसम विभाग का कहना है कि 16 से 21 नवंबर के बीच पश्चिमी विक्षोभ जरूर एक्टिव हो सकता है, लेकिन उसकी कमजोरी के कारण बादल नहीं बरसेंगे और प्रदूषण में कोई खास कमी नहीं आएगी। इस दौरान, दिल्ली का तापमान 30-32 डिग्री के आसपास रहने की संभावना है, जो सामान्य से कुछ ज्यादा हो सकता है।
ला नीना का असर: ठंड में बढ़ोतरी
दिल्ली में इस बार ठंड का प्रकोप भी सामान्य से ज्यादा होने की संभावना है। भारतीय मौसम विभाग और विश्व मौसम विज्ञान संगठन (WMO) के मुताबिक, इस साल ला नीना (La Niña) का प्रभाव होगा, जो भारत में ठंड को बढ़ाने का कारण बनेगा। ला नीना एक जलवायु घटना है, जिसमें प्रशांत महासागर की सतह का तापमान सामान्य से कम हो जाता है, जिसके कारण भारत में ठंड का मौसम अधिक तीव्र होता है। लंबे समय से अल नीनो (El Niño) का असर था, जिसने वैश्विक तापमान को बढ़ाया था, लेकिन अब अल नीनो का प्रभाव कमजोर पड़ने लगा है और ला नीना का असर बढ़ने की संभावना है। इसका असर दिल्ली के साथ-साथ उत्तर भारत के अन्य राज्यों जैसे हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश, बिहार और राजस्थान में भी देखा जाएगा। इस साल दिसंबर से लेकर फरवरी तक ठंड की स्थिति सामान्य से अधिक रह सकती है, और बर्फबारी की वजह से पहाड़ों पर तापमान में गिरावट आ सकती है, जिससे मैदानी इलाकों में भी ठंड बढ़ेगी।
दिल्ली में ठंड बढ़ने के कारण
1. ला नीना का प्रभाव: ला नीना के सक्रिय होने से ठंड का मौसम अधिक तीव्र होगा।
2. हिमालय की बर्फबारी: पहाड़ों में बर्फबारी की वजह से ठंडी हवाएं दिल्ली समेत उत्तर भारत के मैदानी इलाकों में पहुंचेंगी।
3. कोहरे का असर: ठंड के साथ घना कोहरा भी छा सकता है, जिससे दृश्यता कम होगी और तापमान में गिरावट आएगी।
क्या करें नागरिक?
दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण और बढ़ती ठंड के बीच नागरिकों को कुछ एहतियात बरतनी चाहिए:
- सांस संबंधी समस्याओं वाले व्यक्तियों को सतर्क रहने की सलाह: प्रदूषण के कारण अस्थमा, ब्रोंकाइटिस जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है। बाहर निकलते समय मास्क पहनना जरूरी है।
- बच्चों और बुजुर्गों को बाहर न निकलने की सलाह: प्रदूषण के कारण बच्चों और बुजुर्गों को घर में रहकर ही समय बिताने की सलाह दी जाती है।
- वातावरण की स्थिति पर नजर रखें: दिल्ली में प्रदूषण की स्थिति को लेकर हमेशा सतर्क रहें और AQI की जानकारी लेते रहें।
- आवश्यकतानुसार वायु शुद्धिकरण यंत्रों का उपयोग करें: घरों में एयर प्यूरीफायर का इस्तेमाल करके हवा की गुणवत्ता में सुधार किया जा सकता है।
- हाइड्रेटेड रहें**: प्रदूषण और ठंड से बचने के लिए पानी पीते रहें और शरीर को हाइड्रेटेड रखें।
दिल्ली में इस समय प्रदूषण और मौसम दोनों ही गंभीर समस्याएं बन गए हैं। प्रदूषण का स्तर AQI 400 तक पहुंच चुका है और ठंड का मौसम भी सामान्य से ज्यादा कड़ा होने की संभावना है। ऐसे में, दिल्लीवासियों को आने वाले समय में सतर्क रहने की जरूरत है और प्रदूषण के प्रभाव से बचने के लिए उचित कदम उठाने चाहिए। सरकार को भी प्रदूषण नियंत्रण के लिए ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है ताकि लोगों की सेहत पर इसका असर कम हो सके।