कैंसर पीड़ितों के लिए राहत: GST कटौती से सस्ता होगा इलाज, जानें कितना घटेगा खर्च

punjabkesari.in Thursday, Sep 04, 2025 - 08:45 PM (IST)

नेशनल डेस्कः भारत सरकार ने कैंसर के इलाज में होने वाले भारी-भरकम खर्च से जूझ रहे मरीजों और उनके परिजनों को बड़ी राहत दी है। सरकार ने कैंसर से जुड़ी दवाओं, कीमोथेरेपी और अन्य चिकित्सा सेवाओं पर लगने वाले जीएसटी (GST) में कटौती कर दी है, और कई मामलों में इसे पूरी तरह समाप्त कर दिया गया है। इस कदम से इलाज की लागत में हजारों रुपये की सीधी बचत होगी, जिससे आर्थिक रूप से कमजोर और मध्यम वर्गीय परिवारों को बड़ी राहत मिलेगी। सरकार का यह फैसला देश में स्वास्थ्य सेवाओं को सुलभ और किफायती बनाने की दिशा में एक अहम पहल माना जा रहा है।

कीमोथेरेपी दवाओं पर सीधी बचत

कैंसर के इलाज में कीमोथेरेपी एक लंबी और महंगी प्रक्रिया मानी जाती है। आमतौर पर कीमोथेरेपी की दवाओं का खर्च लगभग ₹1 लाख तक होता है। पहले इस पर 12% जीएसटी लगने के बाद कुल खर्च ₹1,12,000 तक पहुंच जाता था। अब जीएसटी को शून्य कर दिए जाने के बाद मरीजों को सीधे ₹12,000 तक की बचत होगी।

अन्य कैंसर दवाओं पर भी राहत

कई बार कैंसर की अन्य दवाओं की कीमत ₹5 लाख तक पहुंच जाती है। पहले 12% जीएसटी जुड़ने के बाद यह खर्च ₹5,60,000 तक हो जाता था। लेकिन अब जीएसटी हटने के कारण मरीजों को ₹60,000 तक की सीधी राहत मिलेगी। यह निर्णय उन परिवारों के लिए बेहद अहम है जो पहले इलाज के भारी खर्च से जूझते थे।

इलाज और सेवाओं की कुल लागत में कमी

कैंसर के इलाज में दवाओं के साथ-साथ कीमोथेरेपी, रेडियोथेरेपी और अन्य चिकित्सा सेवाएं भी शामिल होती हैं। औसतन इन सब पर ₹3.30 लाख तक खर्च आता है। पहले जीएसटी लगने से यह बढ़कर ₹3.50 लाख हो जाता था। अब जीएसटी हटने से मरीजों को लगभग ₹16,000 तक की बचत होगी।

कैंसर मरीजों और उनके परिवारों को बड़ी राहत

सरकार के इस फैसले से देशभर के कैंसर मरीजों और उनके परिवारों को बड़ी राहत मिलेगी। भारत जैसे विकासशील देश में जहां अधिकांश आबादी मध्यम वर्ग और निम्न आय वर्ग से आती है, उनके लिए यह राहत किसी वरदान से कम नहीं है। इससे न केवल इलाज का आर्थिक बोझ कम होगा, बल्कि अधिक से अधिक लोग समय पर और उचित इलाज कराने के लिए प्रेरित होंगे।

कैंसर एक गंभीर और खर्चीली बीमारी है। ऐसे में सरकार द्वारा जीएसटी में की गई यह कटौती एक स्वागत योग्य पहल है। विशेषज्ञों का मानना है कि इससे हेल्थकेयर सेक्टर में सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा और मरीजों को मानसिक व आर्थिक दोनों स्तरों पर राहत मिलेगी।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

News Editor

Rahul Rana

Related News