शादीशुदा महिलाएं भी बना सकती हैं वसीयतनामा, जानें मौत के बाद किसे मिलता है उनकी संपत्ति का हक?

punjabkesari.in Friday, Nov 21, 2025 - 06:17 PM (IST)

नेशनल डेस्कः कई बार शादीशुदा महिलाएं अपनी संपत्ति को लेकर वसीयत बनाने की जरूरत को नजरअंदाज कर देती हैं। लेकिन उनकी मृत्यु के बाद माता-पिता और ससुराल पक्ष के बीच संपत्ति को लेकर विवाद आम है। खासतौर पर उन महिलाओं के मामले में जिन्होंने अपनी मेहनत और कमाई से मकान, जमीन या अन्य संपत्ति खरीदी हो, बिना वसीयत के उनकी संपत्ति का बंटवारा अक्सर लंबी कानूनी लड़ाई में बदल जाता है। वसीयत बनाना ही सबसे सुरक्षित तरीका है, जिससे महिला अपनी संपत्ति किसे मिलेगी यह खुद तय कर सकती हैं।

क्या शादीशुदा महिलाएं वसीयत बना सकती हैं?

शादीशुदा महिलाएं पूरी तरह से वसीयत बना सकती हैं, चाहे उनकी संपत्ति स्वयं अर्जित की गई हो या उन्हें विरासत में मिली हो। सुप्रीम कोर्ट ने भी इस संबंध में टिप्पणी की है कि महिलाएं अपनी संपत्ति पर स्पष्ट अधिकार तय कर सकती हैं। यदि कोई हिंदू महिला बिना वसीयत के मर जाती है और उसके पति, बेटे या बेटी नहीं हैं, तो वसीयत बनाकर यह साफ किया जा सकता है कि उनकी संपत्ति किसे मिलेगी। अदालत ने यह भी कहा है कि यदि महिला की मृत्यु के बाद उसके माता-पिता और ससुराल पक्ष के बीच विवाद होता है, तो पहले प्री-लिटिगेशन मध्यस्थता (Pre-Litigation Mediation) कराना जरूरी है। इससे कई मामलों में लंबी कानूनी लड़ाई से बचा जा सकता है।

संपत्ति पर किसका हक होता है?

- बिना वसीयत के मृत्यु होने पर संपत्ति का बंटवारा हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम की धारा 15 के तहत होता है।

- यदि महिला का पति, बच्चे या उनके बच्चे जीवित हैं, तो संपत्ति में उनका पहला अधिकार होता है।

- यदि पति या बच्चे नहीं हैं, तो संपत्ति पति के परिवार में जाती है।

- मायके वालों को हक केवल तभी मिलता है जब पति और उसके परिवार में कोई वारिस न हो।

 


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Content Editor

Sahil Kumar

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