अब इस राज्य की महिलाएं भी Night Shift में कर सकेंगी काम, मिलेगी डबल सैलरी, रहेगी यह टाइमिंग!

punjabkesari.in Saturday, Nov 22, 2025 - 11:37 AM (IST)

नेशनल डेस्क। उत्तर प्रदेश में कामकाजी महिलाओं के लिए योगी सरकार ने एक बड़ा और प्रगतिशील फैसला लिया है। सरकार ने राज्य में महिलाओं को नाइट शिफ्ट (Night Shift) में काम करने की औपचारिक अनुमति दे दी है जिसके बाद अब लाखों महिलाएं शाम 7 बजे से सुबह 6 बजे तक काम कर सकेंगी। सरकार का दावा है कि यह कदम महिलाओं की आय बढ़ाने, रोज़गार के नए अवसर खोलने, कार्यस्थल पर सुरक्षा मजबूत करने और कार्य भागीदारी बढ़ाने की दिशा में एक ऐतिहासिक सुधार है।

नाइट शिफ्ट का नया टाइम और सहमति

नए नियमों के तहत नाइट शिफ्ट की टाइमिंग और शर्तें बदल दी गई हैं। महिलाओं की नाइट शिफ्ट का समय अब शाम 7 बजे से सुबह 6 बजे तक तय किया गया है। (पहले यह रात 9 बजे से सुबह 6 बजे तक था)। नाइट शिफ्ट में काम करने से पहले महिला कर्मचारी की लिखित सहमति लेना नियोक्ता (Employer) के लिए अनिवार्य होगा।

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सुरक्षा और सुविधाओं के कड़े नियम

योगी सरकार ने स्पष्ट किया है कि नियोक्ताओं को नाइट शिफ्ट करने वाली महिलाओं की सुरक्षा और सुविधा के लिए कड़े इंतजाम करने होंगे।

सुरक्षा व्यवस्था

कार्यस्थल पर सीसीटीवी से निगरानी।

महिला सुरक्षा गार्ड्स की तैनाती।

नाइट शिफ्ट के लिए परिवहन (Transport) की सुविधा।

हेल्थ और आराम जैसी बुनियादी सुविधाएं देना अनिवार्य है।

सेफ सिटी प्रोजेक्ट, 1090 वूमेन पावर लाइन, 112 हेल्पलाइन और एंटी रोमियो स्क्वायड जैसी व्यवस्थाओं को भी मजबूत किया जा रहा है ताकि महिलाएं बिना डर के काम कर सकें।

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डबल सैलरी और ओवरटाइम के नियम

नए नियमों के अनुसार महिलाओं को न केवल सुरक्षित माहौल मिलेगा बल्कि उनके वित्तीय लाभ भी बढ़ाए गए हैं। रात के इन घंटों में काम करने वाली महिलाओं को सामान्य मजदूरी की दोगुनी दर से भुगतान किया जाएगा। ओवरटाइम की सीमा 75 घंटे से बढ़ाकर प्रति तिमाही 144 घंटे कर दी गई है। पहले महिलाएं केवल 12 औद्योगिक श्रेणियों तक सीमित थीं लेकिन अब उन्हें सभी 29 खतरनाक औद्योगिक श्रेणियों में काम करने की अनुमति दे दी गई है।

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अधिनियम में संशोधन और सख्त जुर्माना

यह नया कानून अब उन सभी प्रतिष्ठानों पर लागू होगा जहां 20 या उससे ज़्यादा कर्मचारी काम करते हैं। इसमें क्लिनिक, सर्विस सेंटर, होम डिलीवरी और अन्य व्यावसायिक प्रतिष्ठान शामिल हैं। योगी सरकार ने 1962 के दुकान एवं वाणिज्य अधिष्ठान अधिनियम (Shop and Commercial Establishment Act, 1962) में भी संशोधन किया है।

 

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नए कानून के अनुसार सजा

पहली गलती पर: ₹2,000 का जुर्माना।

दोबारा गलती पर: ₹10,000 तक का दंड भुगतना पड़ेगा। (पहले यह जुर्माना केवल ₹100 से ₹500 के बीच था)।


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Content Editor

Rohini Oberoi

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