क्या डायबिटीज से पीड़ित मां बच्चे को ब्रेस्ट फीडिंग करा सकती है? जानें डॉक्टर की राय

punjabkesari.in Saturday, Aug 02, 2025 - 04:57 PM (IST)

नेशनल डेस्क : गर्भावस्था के दौरान ज्यादातर महिलाओं को जेस्टेशनल डायबिटीज की समस्या हो जाती है। यह वह स्थिति है जब प्रेगनेंसी के समय ब्लड शुगर लेवल बढ़ जाता है। रिसर्च के अनुसार, लगभग 14% महिलाएं गर्भावस्था के दौरान इस समस्या का सामना करती हैं। कुछ महिलाओं में डिलीवरी के बाद यह समस्या ठीक हो जाती है, जबकि कुछ को जीवनभर डायबिटीज बनी रहती है। इस स्थिति में अक्सर सवाल उठता है, क्या डायबिटीज से पीड़ित मां अपने बच्चे को स्तनपान (ब्रेस्टफीडिंग) करा सकती है? क्या इससे बच्चे पर कोई नकारात्मक असर तो नहीं होगा? आइए इस सवाल का जवाब जानते हैं।

क्या डायबिटिक मां स्तनपान करा सकती हैं?

हां, बिल्कुल करा सकती हैं। एक्सपर्ट्स के मुताबिक, चाहे मां को टाइप 1, टाइप 2 या जेस्टेशनल डायबिटीज हो, वह बिना किसी डर के अपने बच्चे को स्तनपान करवा सकती है। यह न केवल शिशु के लिए बल्कि मां के लिए भी फायदेमंद होता है।

डायबिटीज में ब्रेस्टफीडिंग के फायदे

ब्लड शुगर कंट्रोल रहता है – ब्रेस्टफीडिंग से मां के शरीर में शुगर लेवल संतुलित रहता है।

टाइप 2 डायबिटीज का खतरा घटता है – लंबे समय में इससे डायबिटीज का खतरा कम हो सकता है।

बच्चे को कोई नुकसान नहीं होता – मां की डायबिटीज बच्चे में ट्रांसफर नहीं होती।

बच्चे की इम्युनिटी बढ़ती है – मां का दूध बच्चे को कई बीमारियों से बचाता है, जैसे डायबिटीज, मोटापा और संक्रमण।

मां को अन्य बीमारियों से भी बचाव होता है – जैसे हार्ट डिजीज, मोटापा, ब्रेस्ट और ओवरी कैंसर, ऑस्टियोपोरोसिस आदि।

ब्रेस्टफीडिंग के फायदे – एक नज़र में

मां और बच्चे दोनों के लिए लाभदायक

हॉर्मोनल बैलेंस में मददगार

मानसिक और शारीरिक विकास में सहायक

बच्चे में रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है

मां की हड्डियों को मजबूत बनाता है

डायबिटिक मां को क्या सावधानियां रखनी चाहिए?

ब्लड शुगर की जांच करें – स्तनपान से पहले शुगर लेवल जरूर चेक करें।

स्नैक्स रखें साथ में – बार-बार फीडिंग के दौरान ब्लड शुगर गिर सकता है, इसलिए हल्का-फुल्का कुछ खाने को रखें।

मेंटल हेल्थ पर ध्यान दें – तनाव कम रखें, क्योंकि यह शुगर लेवल और दूध बनने दोनों को प्रभावित कर सकता है।

पर्याप्त पानी पिएं – हाइड्रेशन बहुत जरूरी है, इससे दूध की मात्रा और शरीर की कार्यक्षमता बढ़ती है।

ब्रेस्ट इंफेक्शन पर नज़र रखें – ब्रेस्ट में दर्द, सूजन या लालिमा दिखे तो डॉक्टर से सलाह लें।

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Mehak

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