ठप पड़ा भारत, पाकिस्तान समेत मिडिल ईस्ट का इंटरनेट! समुद्र के नीचे टूटा केबल... पूरी दुनिया में मचा हड़कंप

punjabkesari.in Tuesday, Sep 09, 2025 - 10:28 AM (IST)

नेशनल डेस्क। लाल सागर के नीचे बिछे फाइबर ऑप्टिक केबल्स के कटने से भारत, पाकिस्तान और मिडिल ईस्ट के कई देशों में इंटरनेट सेवाएं बुरी तरह प्रभावित हुई हैं। इंटरनेट मॉनिटरिंग संस्था NetBlocks और तकनीकी विशेषज्ञों ने बताया कि इस घटना से दुनिया भर के लगभग 95% से ज़्यादा इंटरनेट ट्रैफिक को संभालने वाले प्रमुख केबल्स पर असर पड़ा है। हालांकि यह साफ नहीं हो पाया है कि यह घटना किसी तकनीकी खराबी से हुई है या इसके पीछे जानबूझकर की गई तोड़फोड़ है।

किन केबल्स पर पड़ा असर?

रिपोर्ट के मुताबिक भारत की टाटा कम्युनिकेशंस द्वारा संचालित महत्वपूर्ण केबल नेटवर्क जैसे SMW4 और IMEWE भी इस घटना से प्रभावित हुए हैं। NetBlocks ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि इन केबलों के कटने के कारण भारत और पाकिस्तान में इंटरनेट की गति धीमी हो गई है। माइक्रोसॉफ्ट ने भी इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि मिडिल ईस्ट में इंटरनेट की स्पीड में देरी (लेटेंसी) बढ़ सकती है।

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कौन से देश हुए प्रभावित?

पाकिस्तान: पाकिस्तान टेलीकॉम्यूनिकेशंस लिमिटेड (PTCL) ने बताया कि केबल में खराबी के कारण उनके देश में इंटरनेट सेवाएं बाधित हुई हैं।

संयुक्त अरब अमीरात (यूएई): वहां की सरकारी टेलीकॉम कंपनियों Du और Etisalat के उपभोक्ताओं ने भी इंटरनेट स्पीड में गिरावट की शिकायत की है।

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कुवैत: यहां भी FALCON GCX केबल के क्षतिग्रस्त होने से नेटवर्क प्रभावित हुआ है।

मरम्मत में लग सकता है समय

समुद्र के नीचे बिछी ये केबल्स बहुत संवेदनशील होती हैं और इनकी मरम्मत में कई हफ्ते लग सकते हैं। इसके लिए खास जहाजों और विशेषज्ञों की मदद ली जाती है। यह घटना वैश्विक स्तर पर डिजिटल सुरक्षा और इंटरनेट इंफ्रास्ट्रक्चर को लेकर कई गंभीर चिंताएँ पैदा कर रही है।

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क्या है हूती विद्रोहियों की भूमिका?

यमन में सक्रिय ईरान समर्थित हूती विद्रोही पिछले एक साल से लाल सागर में जहाजों पर हमले कर रहे हैं। यमन की अंतरराष्ट्रीय मान्यता प्राप्त सरकार ने इस घटना के लिए हूती विद्रोहियों को जिम्मेदार ठहराया है। हालांकि हूती विद्रोहियों ने इन आरोपों से इनकार किया है।


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Content Editor

Rohini Oberoi

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