Budget 2025: 1991 का वो ऐतिहासिक बजट... जिसने बदल दी भारत की आर्थिक दिशा और दशा!

punjabkesari.in Saturday, Feb 01, 2025 - 09:37 AM (IST)

नेशनल डेस्क। भारत में बजट से जुड़े कई ऐतिहासिक किस्से हैं जिन्हें हमेशा याद किया जाता है। ऐसा ही एक ऐतिहासिक बजट 1991 में तत्कालीन वित्त मंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने पेश किया था जिसने देश की अर्थव्यवस्था की दशा और दिशा पूरी तरह बदलकर रख दी थी। कहा जाता है कि अगर यह बजट न आया होता तो आज भारत की हालत शायद पाकिस्तान जैसी हो सकती थी।

उस समय देश की आर्थिक स्थिति बेहद खराब थी। भारत के पास विदेशी मुद्रा भंडार बहुत कम बचा था जिससे ज्यादा समय तक देश चलाना संभव नहीं था। हालात इतने खराब थे कि देश को अपना सोना गिरवी रखना पड़ा था लेकिन तत्कालीन प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव और वित्त मंत्री मनमोहन सिंह ने देश को इस संकट से उबारने के लिए एक बड़ा फैसला लिया और 'युगांतकारी बजट' पेश किया।

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क्या था इस बजट में खास?

➤ लाइसेंस राज खत्म किया गया: पहले किसी भी कंपनी को नया बिजनेस शुरू करने के लिए सरकार से कई तरह की मंजूरी लेनी पड़ती थी। 1991 के बजट में इस लाइसेंस राज को खत्म कर दिया गया जिससे व्यापार और उद्योगों को बढ़ावा मिला।
➤ विदेशी निवेश को बढ़ावा: इस बजट के तहत विदेशी कंपनियों को भारत में निवेश करने की अनुमति दी गई। इससे देश में विदेशी मुद्रा तेजी से बढ़ी और आर्थिक स्थिति मजबूत हुई।
➤ सीमा शुल्क में कटौती: पहले भारत में आयात पर भारी टैक्स लगता था। इस बजट में सीमा शुल्क 220% से घटाकर 150% कर दिया गया जिससे व्यापार को बढ़ावा मिला।
➤ निर्यात को बढ़ावा: भारत में बनी चीजों को विदेशों में बेचने के लिए सरकार ने कई नियमों में बदलाव किए जिससे निर्यात बढ़ा और सरकारी खजाना मजबूत हुआ।

 

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क्यों कहा जाता है इसे 'युगांतकारी बजट'?

1991 का बजट भारत की आर्थिक सुधार यात्रा की शुरुआत थी। इस बजट से पहले सरकार की सख्त नीतियों के कारण बिजनेस और निवेश में दिक्कतें आती थीं लेकिन इस बजट ने देश के विकास के लिए नई राह खोल दी। इस बजट के बाद भारत की अर्थव्यवस्था तेजी से बढ़ने लगी और धीरे-धीरे भारत एक तेजी से विकसित होती अर्थव्यवस्था बन गया।

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निर्मला सीतारमण का बजट रिकॉर्ड

अब 2025 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण लगातार 8वीं बार बजट पेश करने जा रही हैं। वह इतनी बार बजट पेश करने वाली देश की पहली महिला वित्त मंत्री बन गई हैं। इसके अलावा साल 2020 में उन्होंने 2 घंटे 42 मिनट का सबसे लंबा बजट भाषण दिया था जो अब तक का रिकॉर्ड है।

 

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बता दें कि 1991 का बजट भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए एक टर्निंग पॉइंट था। यह बजट अगर न आता तो शायद भारत आज इस आर्थिक विकास की राह पर नहीं होता। डॉ. मनमोहन सिंह और पीवी नरसिम्हा राव के इस ऐतिहासिक फैसले ने भारत को एक वैश्विक आर्थिक शक्ति बनने की ओर अग्रसर किया।


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Content Editor

Rohini Oberoi

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