इंडियन आर्मी और BSF में क्या है अंतर? जानें काम, रैंक और सुविधाएं

punjabkesari.in Monday, Dec 01, 2025 - 02:47 PM (IST)

नेशनल डेस्क : देश की सुरक्षा के मोर्चे पर भारतीय सेना और अन्य सुरक्षा बल हमेशा तत्पर रहते हैं। देश की आंतरिक सुरक्षा और सीमाओं की रक्षा में भारतीय सेना के साथ कई अर्धसैनिक बल भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, जिनमें सबसे प्रमुख है बीएसएफ (बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स / सीमा सुरक्षा बल)। बीएसएफ की स्थापना 1 दिसंबर 1965 को हुई थी। आइए जानते हैं कि यह बल कैसे भारत की सीमाओं और आंतरिक सुरक्षा को सुनिश्चित करता है।

भारतीय सेना और बीएसएफ में अंतर
भारतीय सेना और बीएसएफ के जवानों में कार्य और संरचना के लिहाज से अंतर होता है। बीएसएफ सेंट्रल आर्म्ड पुलिस फोर्स (CAPF) में शामिल है और यह गृह मंत्रालय के अधीन कार्य करता है, जबकि भारतीय सेना रक्षा मंत्रालय के अंतर्गत आती है। बीएसएफ के जवान शांति काल (peace-time) में सीमा की सुरक्षा और निगरानी में तैनात रहते हैं, जबकि भारतीय सेना युद्ध की स्थिति में मोर्चा संभालती है।

बीएसएफ जवान हमेशा सीमा की सुरक्षा के लिए तैयार रहते हैं और सीमा पार होने वाले अपराधों को रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इसके अलावा बीएसएफ क्रॉस-बॉर्डर ऑपरेशन में भी सक्रिय रहती है। सुविधाओं के मामले में भारतीय सेना के जवानों को बीएसएफ जवानों की तुलना में अधिक सुविधाएँ मिलती हैं, जैसे कैंटीन, आर्मी स्कूल, आवासीय सुविधाएं आदि।

बीएसएफ के पद और रैंक
भारतीय सेना में रैंक जैसे लेफ्टिनेंट, मेजर, कर्नल, ब्रिगेडियर, मेजर जनरल आदि शामिल होते हैं, जबकि बीएसएफ में पोस्ट कांस्टेबल, हेड कांस्टेबल, एएसआई, डीएआई, आईजी जैसी पद संरचनाएं होती हैं।

बीएसएफ का काम और जिम्मेदारियां
बीएसएफ एक अर्धसैनिक बल है, जो शांति काल में देश की सीमाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करता है। इसके अलावा बीएसएफ आतंकवाद, नक्सलवाद और अन्य आंतरिक सुरक्षा खतरों के खिलाफ अभियानों में भी सक्रिय रहती है। वीआईपी सुरक्षा के मामलों में भी अर्धसैनिक बल मुख्य भूमिका निभाते हैं।

बीएसएफ की स्थापना क्यों हुई
बीएसएफ की स्थापना पाकिस्तान और बांग्लादेश के साथ भारत की अंतर्राष्ट्रीय सीमाओं की सुरक्षा के लिए की गई थी। बीएसएफ के गठन से पहले सीमाओं की सुरक्षा संबंधित राज्य की सशस्त्र पुलिस करती थी। इस बल को इस तरह प्रशिक्षित किया गया कि यह सीमाओं की सुरक्षा में सेना की तरह सक्षम और सीमा पार अपराधों को रोकने में पुलिस की तरह कार्य करने वाला बल बने। 1 दिसंबर 1965 को के. एफ. रुस्तमजी के नेतृत्व में ‘सीमा सुरक्षा बल’ का गठन किया गया। तब से यह बल भारत की सीमाओं और नागरिकों की सुरक्षा का एक महत्वपूर्ण स्तंभ बन गया है।


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Content Editor

Shubham Anand

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