देश के नए बने CJI सूर्यकांत को कितनी मिलेगी सैलरी? जानें और क्या-क्या मिलेगी सुविधाएं
punjabkesari.in Monday, Nov 24, 2025 - 07:13 PM (IST)
नेशनल डेस्क : भारत की न्यायपालिका के इतिहास में आज एक महत्वपूर्ण अध्याय जुड़ गया। राष्ट्रपति भवन के दरबार हॉल में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने जस्टिस सूर्यकांत को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। इसके साथ ही जस्टिस सूर्यकांत देश के 53वें मुख्य न्यायाधीश (CJI) बन गए। हर नए CJI के पदभार संभालने के साथ एक सवाल लोगों के मन में आता है देश के सबसे बड़े जज को सरकार की ओर से क्या सुविधाएं मिलती हैं और उनकी सैलरी कितनी होती है?
CJI की सैलरी
मुख्य न्यायाधीश का पद बेहद जिम्मेदारी वाला है और उनके वेतन-भत्ते भी उसी स्तर के होते हैं। CJI को हर महीने 2,80,000 रुपये का मूल वेतन मिलता है। इसके अलावा, उन्हें 45,000 रुपये मासिक सत्कार भत्ता (Hospitality Allowance) दिया जाता है, ताकि वे अपने पद के अनुरूप आधिकारिक मेहमानों का स्वागत कर सकें।मुख्य न्यायाधीश को घर की सजावट और रख-रखाव के लिए 10 लाख रुपये का फर्निशिंग भत्ता भी मिलता है। यह सुनिश्चित करता है कि उनका आवास हमेशा उच्च मानकों पर खरा उतरे।
लुटियंस जोन में टाइप-VIII बंगला
वेतन के अलावा CJI को मिलने वाली सुविधाएं किसी शाही जीवन से कम नहीं होतीं। उन्हें लुटियंस दिल्ली के सबसे पॉश इलाके में टाइप-VIII श्रेणी का विशाल बंगला मिलता है। यह सरकारी आवासों की सबसे आलीशान श्रेणी है। इस बंगले में 24 घंटे काम करने वाले नौकर, रसोइए और क्लर्क तैनात रहते हैं। सुरक्षा व्यवस्था भी अत्यंत कड़ी होती है, जहां चौबीसों घंटे सुरक्षा बल पहरा देते हैं।
CJI को सरकार की ओर से आधिकारिक गाड़ी और ड्राइवर भी उपलब्ध कराया जाता है। उन्हें हर महीने 200 लीटर पेट्रोल/डीजल का कोटा मिलता है। इसके अलावा, यात्रा भत्ता (Travel Allowance) और संचार सुविधाएं भी पैकेज में शामिल हैं।
रिटायरमेंट के बाद की सुविधाएं
सेवा काल खत्म होने के बाद भी मुख्य न्यायाधीश को कई सुविधाएं मिलती हैं। उन्हें सालाना 16 लाख 80 हजार रुपये की पेंशन दी जाती है, साथ ही महंगाई राहत (DA) जो समय-समय पर बढ़ती रहती है। इसके अलावा, रिटायरमेंट के समय 20 लाख रुपये की एकमुश्त ग्रेच्युटी भी दी जाती है, जो उनके योगदान और सेवा को सम्मानित करती है।
कौन हैं जस्टिस सूर्यकांत?
जस्टिस सूर्यकांत के CJI बनने का सफर प्रेरणादायक है। उनका जन्म 10 फरवरी 1962 को हरियाणा के हिसार जिले में एक मध्यमवर्गीय परिवार में हुआ। उन्होंने कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय से कानून की पढ़ाई की और ‘प्रथम श्रेणी में प्रथम’ स्थान के साथ गोल्ड मेडल हासिल किया।
एक छोटे शहर से वकील के रूप में करियर की शुरुआत करते हुए, उन्होंने अपनी प्रतिभा और मेहनत के दम पर ऊंचाइयों को छुआ। वे कई ऐतिहासिक संवैधानिक पीठों का हिस्सा रहे और राष्ट्रीय महत्व के मामलों पर अपने फैसलों से अलग पहचान बनाई।
अब बतौर मुख्य न्यायाधीश, उनके पास लगभग 15 महीनों का कार्यकाल होगा। वे 9 फरवरी 2027 को 65 वर्ष की आयु पूरी होने पर सेवानिवृत्त होंगे। न्यायपालिका में सुधार और नई दिशा देने की बड़ी जिम्मेदारी उनके कंधों पर होगी।
