आसान किस्तों में भी रिश्वत का हो सकता है भुगतान, गुजरात में भ्रष्टाचार के ''ई.एम.आई. मॉडल'' का पर्दाफाश

punjabkesari.in Friday, Jun 07, 2024 - 09:13 AM (IST)

नेशनल डेस्क: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आए दिन देश को भ्रष्टाचार मुक्त करने की बातें कर रहे हैं, वहीं उनके गृहराज्य गुजरात में भ्रष्ट अधिकारी भ्रष्टाचार को प्रमोट करने के लिए नए-नए तरीके खोजने में पीछे नहीं हैं। पूरे देश में जब भी विकास की बातें करे तो गुजरात मॉडल का जिक्र जरुर होता है, लेकिन अब कहीं भ्रष्टाचार का जिक्र होगा तो गुजरात 'ई.एम.आई. मॉडल' का जिक्र भी जरुर होगा। गुजरात में इन दिनों इस मॉडल की चर्चा जोरों पर है। हैरान करने वाली बात है कि गुजरात में लोग भ्रष्ट अधिकारियों को ईएमआई यानी किस्तों में रिश्वत दे भी रहे हैं। राज्य में ई.एम.आई. के रूप में रिश्वत लेने के ऐसे ही कई मामले सामने आए हैं। दरअसल इस साल भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ए.सी.बी.) द्वारा ऐसे दस मामले दर्ज किए गए हैं।  

किसान भी भर रहा था ई.एम.आई.
एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक 4 अप्रैल को सूरत में एक ग्रामीण के खेत को समतल करने के लिए 85 हजार रुपये की रिश्वत मांगी गई। ग्रामीण की आर्थिक स्थिति को देखते हुए, उसके सामने रिश्वत की रकम को ई.एम.आई. के रूप में चुकाने का विकल्प रखा गया। जिसमें पहले 35 हजार रुपये की रकम और बाकी बची हुई रकम को तीन बराबर किस्तों में भुगतान करने की बात कही गई।

ई.एम.आई. के 4 लाख लेकर भागे पुलिसकर्मी
एक अन्य मामले में  दो पुलिसकर्मी साबरकांठा निवासी से मांगे गए 4 लाख रुपये लेकर भाग गए, दरअसल यह राशि उनके द्वारा मांगे गए कुल 10 लाख रुपये की पहली किस्त थी। एक अन्य मामले में, साइबर क्राइम पुलिस अधिकारी ने मांगे गए 10 लाख रुपये को चार किस्तों में बांट दिया। भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) के अधिकारियों का कहना है कि किस्तों में रिश्वत लेने की प्रथा बढ़ रही है और इस साल अकेले ऐसे दस मामले सामने आए हैं।

जीएसटी फर्जी बिलिंग का मामला
मार्च महीने में जीएसटी फर्जी बिलिंग घोटाले में एक व्यक्ति से 21 लाख रुपये की रिश्वत मांगी गई थी, जिसमें 2 लाख रुपये की 10 किस्तों और 1 लाख रुपये की एक किश्त में उसे पूरा पैसा अधिकारियों को देना था, ताकि इससे आरोपी को परेशानी भी न हो और पूरा रिश्वत का पैसा अधिकारियों को मिल भी जाए।

क्या कहते हैं भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के अधिकारी
एसीबी के एक वरिष्ठ अधिकारी के हवाले मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि एक व्यक्ति जो घर, कार या कोई भी कीमती चीज खरीदने में असमर्थ है, वह ई.एम.आई. पर लोन ले लेता है। भ्रष्ट अधिकारी अब रिश्वत के लिए भी यही तरीका अपना रहे हैं। ए.सी.बी. के निदेशक और डी.जी.पी. (कानून और व्यवस्था) शमशेर सिंह के अनुसार, यह तो बस एक छोटा सा मामला हो सकता है क्योंकि एजेंसी केवल उन मामलों की जांच कर रही है, जो उनके जानकारी में आए हैं,  ऐसे कई सारे मामले हो सकते हैं, जो अभी तक जानकारी में नहीं आए हैं।

 


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Mahima

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