अमेरिका-चीन विदेश मंत्रियों के बीच 7.30 घंटे हुई बातचीत, ब्लिंकन ने चीन के शीर्ष राजनयिक से भी की मुलाकात

punjabkesari.in Monday, Jun 19, 2023 - 11:16 AM (IST)

बीजिंगः कोरोना महामारी के बाद अमेरिका-चीन के बीच तनाव चरम पर है । लेकिन अब इस द्विपक्षीय खींचतान को  कम करने के लिए अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन बीजिंग पहुंचे और रविवार को ताइवान और यूक्रेन युद्ध सहित कई मुद्दों पर अपने चीनी समकक्ष छिन कांग के साथ व्यापक बातचीत की। इससे पहले ब्लिंकन राजकीय रात्रिभोज में शामिल हुए और फिर  छिन कांग के साथसाढ़े सात घंटे तक  लंबी बातचीत की। इस दौरान ताइवान, व्यापार, मानवाधिकारों और फेंटानिल ड्रग जैसे विवादित मुद्दों पर चर्चा हुई लेकिन लगता है कि इन मुद्दों पर बातचीत किसी तरह के निर्णायक निष्कर्ष तक नहीं पहुंच पाई।ब्लिंकन ने चीन की अपनी यात्रा के दूसरे व अंतिम दिन की शुरुआत एक शीर्ष राजनयिक से साथ बैठक से की और दिन में उनकी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ मुलाकात करने की संभावना है। ब्लिंकन चीन के शीर्ष राजनयिक वांग यी के साथ बैठक कर रहे हैं और स्वदेश लौटने से पहले वह राष्ट्रपति शी  के साथ मुलाकात कर सकते हैं।

 

ब्लिंकन और वांग दोनों ने एक दूसरे का अभिवादन किया और बातचीत के लिए बैठे ,लेकिन उन्होंने पत्रकारों से कोई बात नहीं की। बढ़ते द्विपक्षीय तनाव को कम करने के मिशन पर बीजिंग पहुंचे ब्लिंकन ने रविवार को करीब छह घंटे तक चीन के अपने समकक्ष  कांग के साथ व्यापक बातचीत की थी। बैठक में दोनों पक्ष उच्च स्तरीय बातचीत जारी रखने पर सहमत हुए। हालांकि ऐसे कोई संकेत नहीं मिले कि दोनों देशों के बीच जिन मुद्दों को लेकर विवाद है उनके समाधान की दिशा में कोई प्रगति हुई है। दोनों पक्षों ने कहा कि छिन ने ब्लिंकन के वाशिंगटन आने के निमंत्रण को स्वीकार कर लिया है। चीन ने साथ ही स्पष्ट किया कि ‘‘चीन-अमेरिका के बीच संबंध अब तक के सबसे निचले स्तर पर हैं।'' अमेरिकी अधिकारी भी कई बार ये बात कह चुके हैं।

 

अमेरिका के विदेश मंत्रालय के अनुसार, ब्लिंकन ने ‘‘ गलत धारणा बनने और स्थिति को गलत आंकने के खतरे को कम करने के लिए कूटनीति के महत्व और मुद्दों पर बातचीत के रास्ते खुले रखने पर जोर दिया ।'' अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन के पदभार ग्रहण करने के बाद से ब्लिंकन चीन की यात्रा करने वाले सर्वोच्च स्तर के पहले अमेरिकी अधिकारी हैं। वह पिछले पांच वर्षों में बीजिंग की यात्रा करने वाले पहले अमेरिकी विदेश मंत्री हैं। चीन की राजधानी में ब्लिंकन की उपस्थिति के बावजूद दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के बीच मौजूद जटिल मुद्दों पर कोई भी महत्वपूर्ण सफलता मिलने की उम्मीद कम ही है।  दोनों देशों के बीच असहमति और संभावित टकराव के बिंदुओं की फेहरिस्त लंबी है जिसमें ताइवान के साथ व्यापार, चीन तथा हांगकांग में मानवाधिकार की स्थिति से लेकर दक्षिण चीन सागर में चीन की सैन्य मौजूदगी और यूक्रेन-रूस युद्ध जैसे मुद्दे शामिल हैं।

 

वैश्‍विक सुरक्षा और स्‍थायित्‍व पर प्रभाव डालने वाले कई मुद्दों पर असहमति को लेकर दोनों देशों के बीच शत्रुता और आरोप-प्रत्यारोप तेजी से बढ़े हैं। बाइडन और शी पिछले साल बाली में एक बैठक में ब्लिंकन के दौरे पर सहमत हुए थे। हालांकि, अमेरिका के हवाई क्षेत्र में चीन का कथित जासूसी गुब्बारा नजर आने के बाद फरवरी में ब्लिंकन ने अपनी चीन की यात्रा रद्द कर दी थी। बता दें अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंक चीन के दो दिवसीय दौरे पर हैं। इस दौरान वह बीजिंग में कई वरिष्ठ अधिकारियों से मुलाकात कर रहे हैं।

 

 चीन दरअसल ताइवान पर अपने आधिपत्य का दावा करता है लेकिन चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ताइवान को देश के मूल हितों का केंद्र बता चुके हैं और अमेरिका पर चीन के आतंरिक मामलों में हस्तक्षेप करने का आरोप लगा चुके हैं।अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन का यह चीन दौरा ऐसे समय में हो रहा है जब 21 जून से भारत के प्रधानमंत्री मोदी अमेरिका के राजकीय दौरे पर जाने वाले हैं। अमेरिकी अधिकारियों का कहना है कि अमेरिका और चीन के बीच उच्चस्तरीय कूटनीतिक संबंधों को फिर से बहाल करना ब्लिंकन की प्राथमिकता है. उनका कहना है कि दोनों पक्षों को मौजूदा तनाव दूर करने के लिए बातचीत जारी रखनी होगी। 

   


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Content Writer

Tanuja

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