ऑफ द रिकार्ड: भाजपा की पटनायक के साथ शांति बहाल, मोदी ने छोड़ा पुरी से लड़ने का विचार

punjabkesari.in Thursday, Feb 14, 2019 - 05:42 AM (IST)

नेशनल डेस्क: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बीजू जनता दल (बीजद) के नेता नवीन पटनायक के साथ शांति बहाल करने की पहल करते हुए ओडिशा की पुरी लोकसभा सीट से चुनाव लडऩे का विचार त्याग दिया है। इससे पहले मोदी ने आगामी लोकसभा चुनावों में उत्तर प्रदेश की वाराणसी सीट के साथ ही पुरी से भी चुनाव लडऩे का विचार करने की बात कही थी। 
PunjabKesari
पहले माना जा रहा था कि 21 लोकसभा सीटों वाले तटीय राज्य को जीतने के लिए अपने मैगा प्लान के तहत मोदी पुरी से चुनाव लड़ सकते हैं। हालांकि प्रधानमंत्री ने क्या आप पुरी से चुनाव लडऩे जा रहे हैं, के सवाल पर हाल ही में टैलीविजन पर दिए साक्षात्कार में जवाब देने से किनारा कर लिया था। 
PunjabKesari
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सूत्रों के अनुसार इस योजना को छोड़ दिया गया है। ओडिशा विधानसभा के पिछले परिणामों को देखते हुए प्रधानमंत्री पुरी से कतई चुनाव नहीं लडऩा चाहेंगे क्योंकि यहां के परिणाम उनकी योजना में बाधक बन सकते हैं। सूत्रों की मानें तो मोदी चुनाव लडऩे के लिए दूसरी सीट के विकल्प के रूप में अपने गृह राज्य गुजरात पर विचार कर सकते हैं। अगर ऐसा होता है तो यह तय है कि वह वड़ोदरा सीट जहां से 2014 में भी उन्होंने जीत दर्ज की थी, को ही चुनेंगे। उनके द्वारा इस सीट को खाली करने के बाद रंजनबेन भट्ट यहां से निर्वाचित हुई थीं।
PunjabKesari
मोदी को भाजपा नेतृत्व ने कह दिया है कि अगर वह एक बार फिर गुजरात से चुनाव मैदान में उतरते हैं, तो पार्टी यहां सभी 26 सीटों को बरकरार रख सकती है। भाजपा हाईकमान ने नवीन पटनायक सरकार को स्पष्ट संकेत दिया है कि मोदी की पुरी से चुनावी मैदान में उतरने की कोई योजना नहीं है। वैसे भी जब तक बीजू जनता दल सरकार ओडिशा में कांग्रेस को सत्ता से मीलों दूर बनाए रखती है, तब तक भाजपा को बीजद से कोई बड़ी समस्या नहीं है। 
PunjabKesari
भाजपा के रुख पर सकारात्मक प्रतिक्रिया देते हुए बीजद ने पहली शर्त यह रखी है कि भाजपा पूर्व सांसद बी.जे. पांडा जैसे बीजद के असंतुष्ट नेताओं को संरक्षण नहीं देगी। दूसरी शर्त यह कि बीजद नेताओं को केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सी.बी.आई.) और प्रवर्तन निदेशालय (ई.डी.) द्वारा दायर झूठे मामलों में परेशान नहीं किया जाएगा।
PunjabKesari
नवीन पटनायक ने इस बारे में कहा, ‘‘हमें दिल्ली की रजनीति में कोई रुचि नहीं है, दिल्ली को भी पूर्व की ओर नजर नहीं डालनी चाहिए।’’ पटनायक के बयान और दूसरी शर्त के चलते ही सी.बी.आई. ने नवीन पटनायक सरकार के मंत्रियों और विधायकों के खिलाफ कई घोटालों, जिसमें शारदा चिटफंड केस भी शामिल है, पर चुप्पी साध रखी है। 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Pardeep

Recommended News

Related News