चार नेताओं को हटा भाजपा ने दिया कड़ा संदेश

punjabkesari.in Sunday, Oct 06, 2019 - 12:58 PM (IST)

मुम्बई: भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने महाराष्ट्र के प्रभावशाली पार्टी नेता विनोद तावड़े, एकनाथ खड़से, प्रकाश मेहता तथा राजपुरोहित इस बार टिकट न देकर राज्य में प्रमोद महाजन तथा गोपीनाथ मुंडे के दौर के नेताओं को पूरी तरह दरकिनार कर दिया है। तावड़े व खड़से वर्ष 1995 में उस समय पार्टी में आए थे जब महाराष्ट्र में भाजपा शिवसेना के साथ मिलकर केसरिया सरकार बनाने की तैयारी में थी और उसी दौर में मनोहर जोशी मेहता व पुरोहित को भाजपा में ले आए थे।

PunjabKesari

भाजपा के एक नेता के अनुसार मेहता को भाजपा में इस मकसद से लाया गया था कि वे महाराष्ट्र खासकर मुंबई में रहने वाले गुजराती समुदाय को पार्टी से जोडऩे में सहायक होंगे। इसी तरह किरीट सोमैया को भी भाजपा में स्थानीय व्यापारी समाज को भाजपा के पक्ष में एकजुट करने का दायित्व दिया गया था। लेकिन पिछले लोकसभा चुनाव में किरीट सोमैया को मुंबई नार्थ-ईस्ट सीट से टिकट देने से केंद्रीय नेतृत्व ने इंकार कर दिया था। 

PunjabKesari

वर्ष 1999 में जब भाजपा व शिवसेना चुनाव हार गई तो खड़से व तावड़े ने गोपीनाथ मुंडे के साथ मिलकर राज्य में फिर से पार्टी को खड़ा किया। वे पूरे पांच साल प्रदेश में कांग्रेस-एनसीपी सरकार को चुनौती देते रहे। भाजपा के एक कार्यकर्ता के अनुसार अब पार्टी के बड़े नेता उन्हीं लोगों को अनदेखा व अपमानित कर रहे हैं जिन्होंने कभी पार्टी की जड़ों को मजबूत करने के लिए जी जान लगाकर मेहनत की थी। 

PunjabKesari

उत्तरी महाराष्ट्र में एकनाथ खड़से कभी भाजपा के पोस्टर व्वाय हुआ करते थे। लोगों का कहना है कि भाजपा नेता व प्रदेश के मुख्यमंत्री की भी केंद्रीय नेतृत्व ने इन नेताओं को टिकट दिये जाने के मामले में नहीं सुनी। जानकारों का दावा है कि मुख्यमंत्री देवेनद्र फडऩवीस ने केंद्रीय पार्लियामेंट से इन नेताओं को लेकर नरमी बरतने का अनुरोध किया था। चर्चा है कि तावड़े को आक्रामक काम व मेहता को ताड़देव स्लम प्रोजेक्ट मामले में नाम उछलने के कारण इस बार टिकट नहीं दिया। इन नेताओं को इस बार सबक सिखाकर भाजपा ने गुटबाजी में में उलझी प्रदेश इकाई के अन्य नेताओं को भी सबक देने की कोशिश की है।
 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

vasudha

Recommended News

Related News