Business News: 25 मेनबोर्ड और 100+ SME IPOs, 2025 की पहली छमाही में IPO मार्केट में बूम
punjabkesari.in Wednesday, Jul 02, 2025 - 11:21 AM (IST)

बिजनेस डेस्कः 2025 की पहली छमाही शेयर बाजार के लिए बेहद शानदार रही है। खासतौर पर IPO बाजार में बूम देखा गया है। इस दौरान 25 मेनबोर्ड IPOs लॉन्च हुए, जबकि SME सेक्टर में यह संख्या 100 से भी पार चली गई। इससे निवेशकों में भारी उत्साह है लेकिन IPO में पैसा लगाने से पहले यह समझना जरूरी है कि IPO आखिर होता क्या है और यह कैसे काम करता है।
IPO क्या होता है?
IPO (Initial Public Offering) एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें कोई प्राइवेट कंपनी पहली बार अपने शेयर आम जनता को बेचती है और स्टॉक एक्सचेंज पर लिस्ट होती है। यह कदम कंपनी को पब्लिक लिमिटेड कंपनी का दर्जा दिलाता है और उसे पूंजी जुटाने का अवसर देता है। IPO से जुटाई गई राशि का उपयोग कंपनी अपने व्यवसाय के विस्तार, कर्ज चुकाने या शुरुआती निवेशकों को एग्ज़िट देने के लिए करती है। इससे न केवल कंपनी की वित्तीय स्थिति मजबूत होती है, बल्कि उसका ब्रांड वैल्यू और बाजार में भरोसा भी बढ़ता है। IPO में रिटेल निवेशकों से लेकर बड़े संस्थागत निवेशक तक भाग ले सकते हैं, जो कंपनी की ग्रोथ में हिस्सेदार बनते हैं और बदले में संभावित मुनाफे की उम्मीद रखते हैं।
IPO की प्रक्रिया कैसे काम करती है?
1. तैयारी और प्लानिंग
कंपनी तय करती है कि क्या वह पब्लिक होने के लिए तैयार है। वह बाजार की स्थिति, ग्रोथ और अन्य कंपनियों के IPO को देखकर सही समय चुनती है।
2. अंडरराइटर्स की नियुक्ति
कंपनी फाइनेंशियल एक्सपर्ट्स यानी अंडरराइटर्स को हायर करती है जो तय करते हैं कि कितने शेयर और किस दाम पर बेचे जाएंगे। वे सभी जरूरी दस्तावेज तैयार करने में मदद करते हैं।
3. सेबी की मंजूरी
SEBI कंपनी की वित्तीय और कानूनी स्थिति की गहन जांच करता है। अगर सब कुछ सही पाया जाता है, तो DRHP (Draft Red Herring Prospectus) जारी करने की अनुमति मिलती है। इसमें शेयरों की संख्या और कीमत की जानकारी होती है।
4. IPO खुलना और निवेश
DRHP के बाद कंपनी IPO के लिए प्राइस बैंड तय करती है। फिर IPO आम निवेशकों के लिए खुल जाता है। इच्छुक निवेशक ऑनलाइन या ब्रोकर के माध्यम से आवेदन कर सकते हैं।
5. शेयर अलॉटमेंट
यदि आवेदन ज्यादा होते हैं, तो शेयरों का बंटवारा लॉटरी या प्रो-राटा सिस्टम से होता है। इसका मतलब है कि सभी को उनके अनुरोध के अनुसार शेयर नहीं मिलते।
6. लिस्टिंग डे
IPO के बाद कंपनी स्टॉक एक्सचेंज पर लिस्ट होती है। उसी दिन से शेयरों की ट्रेडिंग शुरू हो जाती है। कभी शेयर शानदार लिस्टिंग देता है, तो कभी कमजोर प्रदर्शन करता है।