गैंगरेप केस में 11 दोषियों की रिहाई के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंचीं बिलकिस बानो

punjabkesari.in Wednesday, Nov 30, 2022 - 03:40 PM (IST)

नेशनल डेस्क: बिल्कीस बानो ने 2002 के दुष्कर्म और हत्या मामले में दोषियों को सजा में छूट देने तथा उन्हें रिहा किए जाने को चुनौती देते हुए बुधवार को उच्चतम न्यायालय में एक याचिका दायर की। शीर्ष न्यायालय ने कहा कि वह मामले को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करने पर विचार करेगा। प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति पी एस नरसिम्हा की पीठ ने वकील शोभा गुप्ता की उन दलीलों पर गौर किया कि पीड़िता ने खुद दोषियों को सजा में छूट देने तथा उनकी रिहाई को चुनौती दी है तथा मामले को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया जाए।

उन्होंने कहा कि सजा में छूट के खिलाफ ऐसी ही अन्य याचिकाओं पर सुनवाई करने वाली पीठ का हिस्सा रहे न्यायमूर्ति अजय रस्तोगी अब संविधान पीठ का हिस्सा हैं। सीजेआई ने कहा, ‘‘सबसे पहले पुनर्विचार याचिका की सुनवाई होगी। इसे न्यायमूर्ति रस्तोगी के समक्ष पेश करने दीजिए।'' जब बानो की वकील ने कहा कि मामले की सुनवाई खुली अदालत में की जानी चाहिए तो पीठ ने कहा, ‘‘केवल संबंधित अदालत उस पर फैसला कर सकती है।'' सीजेआई ने कहा कि वह इस मुद्दे पर शाम को फैसला लेंगे।''

इससे पहले, न्यायमूर्ति अजय रस्तोगी और न्यायमूर्ति सी टी रविकुमार की पीठ ने कहा था कि वह मामले में दोषियों को सजा में छूट देने तथा उन्हें रिहा करने को चुनौती देने वाली, महिला संगठन ‘नेशनल फेडरेशन ऑफ इंडियन वुमेन' की याचिका पर सुनवाई करेगी। सामूहिक दुष्कर्म के इस मामले में 2002 में हुए गुजरात दंगों के दौरान बानो के परिवार के सात सदस्यों की हत्या का मामला भी शामिल है।

गोधरा ट्रेन अग्निकांड के बाद भड़के दंगों के दौरान बानो के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया गया था। उसके परिवार के जिन सात सदस्यों की हत्या की गयी थी उसमें उसकी तीन साल की बेटी भी शामिल थी। गुजरात सरकार ने सजा से माफी की अपनी नीति के तहत मामले में 11 दोषियों की रिहाई को मंजूरी दे दी थी जिसके बाद 15 अगस्त को वे गोधरा उप-कारागार से रिहा हो गए थे। वे 15 साल से अधिक समय तक जेल में रहे थे।


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Content Editor

rajesh kumar

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