इतना कैश कि मशीनें भी थक गईं गिनते-गिनते, 10 दिन चली थी भारत की सबसे बड़ी Raid, इस कारोबारी के घर से कुल 352 करोड़ रुपये जब्त
punjabkesari.in Friday, Sep 26, 2025 - 04:34 PM (IST)

नेशनल डेस्क: कभी-कभी हकीकत फिल्मों से भी ज्यादा रोमांचक होती है — और ऐसा ही हुआ जब इनकम टैक्स विभाग ने ओडिशा में एक शराब कंपनी पर इतिहास की सबसे बड़ी छापेमारी की। इतने पैसे मिले कि गिनने के लिए मशीनें मंगवानी पड़ीं, बैंक कर्मचारियों की मदद लेनी पड़ी और जब्त की गई नकदी को ट्रकों में भरकर ले जाना पड़ा। आइए जानते हैं इस हैरान कर देने वाली रेड की पूरी कहानी, जिसने पूरे देश को चौंका दिया।
ये अभूतपूर्व कार्रवाई की गई थी बौध डिस्टिलरीज प्राइवेट लिमिटेड और उससे जुड़ी इकाइयों पर, जो राज्य में शराब निर्माण का काम करती हैं। इस छापेमारी की शुरुआत होते ही पूरे इलाके में हलचल मच गई। अधिकारियों की टीमों ने कंपनी के विभिन्न कार्यालयों, गोदामों और ठिकानों पर एक साथ दबिश दी। मामला इतना गंभीर और बड़ा था कि आयकर विभाग को ज़मीन के नीचे छिपे हुए खजाने का पता लगाने के लिए स्कैनिंग व्हील वाली विशेष मशीनों का भी सहारा लेना पड़ा।
Raid के दौरान 352 करोड़ रुपये की नकदी जब्त
रेड का दायरा और गहराई इतनी थी कि इसे पूरा करने में विभाग को पूरे 10 दिन लग गए। हर दिन नई जगह से नकदी, दस्तावेज़, और संपत्तियों की जानकारी सामने आती रही। इस पूरे ऑपरेशन के दौरान 352 करोड़ रुपये की नकदी जब्त की गई - और इसे गिनने के लिए अकेले मशीनों के भरोसे नहीं रहा जा सकता था।
इसलिए विभाग को तीन दर्जन से ज़्यादा नोट गिनने वाली मशीनें मंगवानी पड़ीं। लेकिन फिर भी काम खत्म नहीं हुआ। नकदी की मात्रा इतनी ज़्यादा थी कि बैंक कर्मचारियों को विशेष रूप से बुलाया गया ताकि गिनती का काम तेज़ी से पूरा किया जा सके। ट्रकों में भर-भर कर नकदी को सुरक्षित तरीके से विभाग के मुख्यालय में लाया गया। पूरी प्रक्रिया इतनी व्यवस्थित और गोपनीय थी कि इसकी तुलना किसी बड़े सैन्य ऑपरेशन से की जा सकती है।
इस रेड की अगुवाई कर रहे थे आयकर जांच निदेशक एसके झा और अतिरिक्त निदेशक गुरप्रीत सिंह। इन दोनों अधिकारियों के नेतृत्व में चला यह ऑपरेशन इतना प्रभावशाली साबित हुआ कि केंद्र सरकार ने अगस्त महीने में इन्हें सम्मानित भी किया। ये सम्मान इस बात का प्रतीक था कि सरकार काले धन और कर चोरी के खिलाफ कितनी सख्ती से काम कर रही है। ओडिशा में हुई इस ऐतिहासिक कार्रवाई ने देशभर में एक स्पष्ट संदेश दिया — कि चाहे कितना भी छिपाया जाए, कानून की पकड़ से कोई बच नहीं सकता।