कनाडा में भारतीय छात्रों के लिए आया बड़ा संकट, वीजा परमिट रद्द होने का खतरा !
punjabkesari.in Tuesday, Mar 04, 2025 - 10:24 AM (IST)

नेशनल डेस्क: कनाडा ने अपनी इमिग्रेशन और वीजा पॉलिसी में हाल ही में कुछ कड़े बदलाव किए हैं, जिसका सीधा असर भारतीय छात्रों और कामकाजी लोगों पर पड़ रहा है। फरवरी 2024 से लागू किए गए नए नियमों के तहत, कनाडा के बॉर्डर अधिकारियों को अधिक अधिकार दिए गए हैं, जिससे भारतीय छात्रों को वीजा परमिट रद्द होने जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। इन बदलावों का असर भारतीय छात्रों पर पड़ने की संभावना है, जिनकी संख्या कनाडा में लगभग 4.27 लाख है।
कानूनी समस्याओं का सामना कर सकते हैं छात्र
कनाडा में पढ़ाई करने वाले भारतीय छात्रों को अब वीजा परमिट रद्द होने के कारण बड़ी मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। रिपोर्टों के मुताबिक, जिन छात्रों का वीजा परमिट रद्द हो जाता है, उन्हें तुरंत कनाडा छोड़ने का आदेश दिया जा सकता है या फिर उन्हें कानूनी अपील करनी पड़ सकती है। इस अपील की लागत लगभग 1,500 कनाडाई डॉलर से शुरू होती है, लेकिन इसका कोई परिणाम निश्चित नहीं होता। ये स्थिति कई छात्रों के लिए अत्यधिक तनावपूर्ण हो सकती है, क्योंकि अच्छे अकादमिक रिकॉर्ड होने के बावजूद उनका वीजा रद्द किया जा सकता है।
स्टडी परमिट में 40% की गिरावट
सिद्धार्थ अय्यर, जो वनस्टैप ग्लोबल के मुख्य परिचालन अधिकारी हैं, के अनुसार, 2023 की चौथी तिमाही में भारतीय छात्रों को जारी किए गए स्टडी परमिट में 40 प्रतिशत की गिरावट आई है। यह गिरावट नए नियमों और नियमों के लागू होने के कारण हुई है, जिससे भारतीय छात्रों के लिए कनाडा में अध्ययन करना कठिन हो गया है। इसके अतिरिक्त, कनाडा के नए वित्तीय नियमों के तहत, छात्रों को गारंटीकृत निवेश प्रमाणपत्र के लिए 20,635 कनाडाई डॉलर जमा करना होगा, जो छात्रों के लिए एक और बड़ी चुनौती बनकर सामने आया है।
SDS वीजा प्रोग्राम बंद होने का खतरा
कनाडा का स्टडी डायरेक्ट स्ट्रीम (SDS) वीजा प्रोग्राम भी इस बदलाव से प्रभावित हो सकता है। SDS वीजा, जो विशेष रूप से भारतीय छात्रों के लिए एक प्रमुख रास्ता था, बंद होने की संभावना है। रिपोर्ट के मुताबिक, इस प्रोग्राम को 2025 के अंत तक बंद किया जा सकता है। इसके बाद, छात्रों को वीजा आवेदन के लिए अधिक दस्तावेज़ीकरण की आवश्यकता होगी, जिससे आवेदन प्रक्रिया और भी कठिन हो सकती है।
भारतीय छात्र कनाडा की अंतरराष्ट्रीय छात्र आबादी का 35-40% हिस्सा
भारत, कनाडा में पढ़ाई करने वाले छात्रों का सबसे बड़ा योगदानकर्ता है। भारतीय छात्र कनाडा की अंतरराष्ट्रीय छात्र आबादी का 35-40% हिस्सा हैं, जिससे यह बदलाव भारतीय छात्रों के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण है। इस बदलाव के बाद, कनाडा आने के लिए अधिक दस्तावेज़ीकरण और सख्त मॉनिटरिंग के नियम लागू किए गए हैं, जिससे छात्रों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है।
नए वीजा नियमों की वजह से बढ़ रही तनाव की स्थिति
कनाडा, जो भारतीय छात्रों और कामकाजी लोगों के लिए एक लोकप्रिय गंतव्य रहा है, अब वीजा नियमों में बदलाव के कारण चिंता का केंद्र बन गया है। नए नियमों के तहत, छात्रों और श्रमिकों को अधिक कड़ी शर्तों का पालन करना होगा और उनके वीजा परमिट की निगरानी भी अधिक सख्त होगी। इसके परिणामस्वरूप, भारतीय छात्रों और कामकाजी लोगों को कनाडा आने में पहले से कहीं ज्यादा कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है।
नवीनतम वित्तीय नियमों के बारे में जानकारी
कनाडा के नए वित्तीय नियमों के तहत, अब छात्रों को गारंटीकृत निवेश प्रमाणपत्र (GIC) के रूप में 20,635 कनाडाई डॉलर जमा करने होंगे। यह रकम पहले की तुलना में काफी अधिक है और कई छात्रों के लिए यह एक बड़ी वित्तीय चुनौती बन सकती है। इसके अलावा, अगर छात्रों का वीजा परमिट रद्द हो जाता है, तो उन्हें कनाडा छोड़ने का आदेश दिया जा सकता है और यदि उन्हें कानूनी अपील करनी हो तो यह प्रक्रिया महंगी और समय-संवेदनशील हो सकती है।
कनाडा का छात्र वीजा कार्यक्रम कठिनाइयों का सामना कर रहा है
कनाडा के छात्र वीजा कार्यक्रम में चल रही कठिनाइयों के बावजूद, कनाडा में अध्ययन करने का उद्देश्य रखने वाले छात्रों के लिए यह एक बड़ी चुनौती है। कनाडा में अध्ययन करने वाले भारतीय छात्रों को अब भविष्य में वीजा परमिट रद्द होने, वीजा आवेदन में कठिनाइयों, और नए वित्तीय नियमों का सामना करना पड़ सकता है।