इस भारतीय शख्स का सालों से तलाश कर रहे बाइडेन, बताई ‘बाइडेन फ्रॉम मुम्बई'' की पूरी कहानी

punjabkesari.in Friday, Aug 21, 2020 - 04:50 PM (IST)

नेशनल डेस्क: अमेरिका में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव में डेमोक्रेटिक पार्टी के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार जो बाइडेन आज भी मुम्बई के अपने दूर के रिश्तेदार ‘बाइडेन' का जिक्र करते नहीं थकते। अमेरिका के पूर्व उप राष्ट्रपति अकसर उन्हें ‘बाइडेन फ्रॉम मुम्बई' कहकर संबोधित करते हैं और उनसे ना मिल पाने का मलाल उन्हें आज भी है। डेलावेयर से 1972 में सीनेटर चुने जाने पर बाइडेन को मुम्बई से उन्हीं के उपनाम वाले एक व्यक्ति ने बधाई देने के लिए पत्र भेजा था। सीनेटर बनने के लिए उन्हें ‘बाइडेन फ्रॉम मुम्बई' ने शुभकामनाएं दी थीं और बताया था कि उनका एक-दूसरे से रिश्ता है। 

 

बाइडेन उस समय 29 साल के थे और उस शख्स से मिलना चाहते थे लेकिन परिवार और राजनीतिक प्रतिबद्धताओं के चलते ऐसा हो ना सका। आज पांच दशक बाद भी वह अपनी इस इच्छा को पूरी करना चाहते हैं और जब भी किसी भारतीय-अमेरिकी या भारतीय नेता से मुलाकात करते हैं तो ‘बाइडेन फ्रॉम मुम्बई' का जिक्र जरूर करते हैं। अमेरिका के उप राष्ट्रपति बनने के बाद अपनी पहली भारत यात्रा पर 24 जुलाई 2013 को मुम्बई में ‘बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज' में लोगों को संबोधित करते हुए भी उन्होंने ‘बाइडेन फ्रॉम मुम्बई' की कहानी लोगों को सुनाई थी। बाइडेन ने लोगों से कहा था कि भारत वापस आना और यहां मुम्बई में होना, सम्मान की बात है। 

 

बाइडेन ने बताया कि 1972 में जब मैं 29 साल का था और अमेरिकी सीनेट चुना गया था तब मुझे एक पत्र मिला था, जिसका जवाब ना देने का मुझे आज भी अफसोस है। शायद दर्शक में बैठा कोई वंशावली विशेषज्ञ मेरी मदद कर सके। मुझे मुम्बई से बाइडेन नाम के एक सज्जन पुरुष का पत्र मिला था, जिसमें उसने कहा था कि हम दोनों का एक-दसरे से कोई रिश्ता है। बाइडेन ने कहा शायद हमारे पूर्वर्जों का कोई संबंध हो या 1700 में ‘ईस्ट इंडिया ट्रेडिंग कम्पनी' में काम करने के लिए कोई मुम्बई आया हो।

 

इसके कुछ साल बाद वाशिंगटन डीसी में भी एक भाषण के दौरान बाइडेन ने कहा था कि उनके पूर्वज एक थे, जिन्होंने ‘ईस्ट इंडिया कम्पनी' के लिए काम किया और जो तब भारत गए थे। वहीं 21 सितंबर, 2015 को ‘यूएस इंडिया बिजनेस काउंसिल' को संबोधित करते हुए बाइडेन ने कहा था कि ‘बाइडेन फ्रॉम मुम्बई' और मेरे पूर्वज शायद एक थे, 1848 में जो ‘ईस्ट इंडिया टी कम्पनी' के लिए काम करते थे। उन्होंने शायद किसी भारतीय महिला से शादी कर ली और भारत में ही रह गए। मुम्बई में 2013 में बाइडेन ने लोगों से कहा था अगर यह सच है तो मैं भारत में भी चुनाव लड़ सकता हूं। उनके इस भाषण के दौरान वहां मौजूद दर्शकों के बीच हंसी की एक लहर दौड़ गई थी।
 


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vasudha

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