ISRO created history: भारत की बड़ी उड़ान! ISRO ने लॉन्च किया अब तक का सबसे भारी सैटेलाइट
punjabkesari.in Wednesday, Dec 24, 2025 - 09:27 AM (IST)
ISRO created history: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने एक बार फिर दुनिया को अपनी असीमित शक्ति का परिचय दिया है। बुधवार 24 दिसंबर 2025 की सुबह भारत के सबसे शक्तिशाली रॉकेट LVM3-M6 ने अमेरिका के अगली पीढ़ी के संचार उपग्रह 'ब्लूबर्ड ब्लॉक-2' (BlueBird Block-2) को सफलतापूर्वक उसकी कक्षा में स्थापित कर दिया। यह मिशन न केवल इसरो की तकनीकी श्रेष्ठता को दर्शाता है बल्कि वैश्विक वाणिज्यिक अंतरिक्ष बाजार (Commercial Space Market) में भारत के बढ़ते दबदबे की भी गवाही देता है।
मिशन की 5 सबसे बड़ी बातें
यह लॉन्च कई मायनों में ऐतिहासिक है:
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अब तक का सबसे भारी पेलोड: 6,100 किलोग्राम वजनी यह सैटेलाइट भारतीय धरती से अब तक लॉन्च किया गया सबसे भारी पेलोड है।
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स्मार्टफोन कनेक्टिविटी: 'ब्लूबर्ड ब्लॉक-2' दुनिया का सबसे बड़ा वाणिज्यिक संचार उपग्रह है जिसे सीधे आपके सामान्य स्मार्टफोन पर 4G/5G हाई-स्पीड इंटरनेट देने के लिए डिजाइन किया गया है।
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इसरो का 'बाहुबली' रॉकेट: 43.5 मीटर ऊंचे LVM3 रॉकेट ने लगातार 9वीं बार अपनी विश्वसनीयता साबित की है।
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वैश्विक साझेदारी: यह मिशन इसरो की वाणिज्यिक इकाई NSIL और अमेरिकी कंपनी AST SpaceMobile के बीच हुए समझौते के तहत सफल हुआ।
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बिना टावर इंटरनेट: इस तकनीक के बाद दुनिया के उन दुर्गम हिस्सों में भी इंटरनेट पहुंचेगा जहाँ मोबाइल टावर लगाना मुमकिन नहीं है।
#WATCH श्रीहरिकोटा, आंध्र प्रदेश | ISRO का LVM3 M6 मिशन सतीश धवन स्पेस सेंटर से लॉन्च हुआ, जो U.S.-बेस्ड AST SpaceMobile के साथ एक कमर्शियल डील के तहत ब्लू बर्ड ब्लॉक-2 सैटेलाइट को ऑर्बिट में ले गया।
— ANI_HindiNews (@AHindinews) December 24, 2025
यह मिशन अगली पीढ़ी के कम्युनिकेशन सैटेलाइट को तैनात करेगा, जिसे दुनिया भर में… pic.twitter.com/siSHV3NZsh
LVM3 रॉकेट की ताकत
इसरो का Launch Vehicle Mark-3 (LVM3) एक तीन चरणों वाला रॉकेट है जो भारी वजन को अंतरिक्ष में ले जाने में माहिर है:
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S200 बूस्टर्स: रॉकेट को शुरुआती भारी धक्का (Thrust) देते हैं।
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L110 कोर स्टेज: इसमें तरल ईंधन का इस्तेमाल होता है जो रॉकेट की रफ्तार बनाए रखता है।
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C25 क्रायोजेनिक स्टेज: यह ऊपरी हिस्सा उपग्रह को उसकी सटीक कक्षा में स्थापित करने का काम करता है।
भारत बना ग्लोबल स्पेस लीडर
इस सफलता के साथ ही इसरो ने दुनिया की दिग्गज स्पेस एजेंसियों (जैसे SpaceX) को कड़ी टक्कर दी है। कम लागत और 100% सफलता दर के कारण अब अमेरिका जैसे विकसित देश भी अपने महत्वपूर्ण मिशनों के लिए भारत पर भरोसा कर रहे हैं। यह मिशन 'गगनयान' (भारत का मानव मिशन) की तैयारियों की दिशा में भी एक बड़ा कदम माना जा रहा है।
