क्या अंतरिक्ष में महिला प्रेगनेंट हो सकती है? कैसा पैदा होगा बच्चा, जानें चौंकाने वाली रिसर्च
punjabkesari.in Monday, Jul 28, 2025 - 10:38 AM (IST)

नेशनल डेस्क: जैसे-जैसे इंसान का अंतरिक्ष में कदम बढ़ रहा है, वैसे-वैसे नए सवाल भी सामने आ रहे हैं। क्या मंगल या चंद्रमा जैसे ग्रहों पर इंसान केवल बसेरा बनाएगा, या वहां जीवन भी जन्म ले सकेगा? क्या अंतरिक्ष में महिला गर्भवती हो सकती है? और अगर हो भी गई तो बच्चे का क्या होगा? यही नहीं, अंतरिक्ष में बच्चे को पालना भी एक चुनौती होगी।
आइए समझते हैं कि स्पेस में बच्चे को जन्म देना कितना जटिल और खतरनाक हो सकता है।
अंतरिक्ष में गर्भधारण: आसान नहीं है ये सफर
सामान्य तौर पर पृथ्वी पर भी हर गर्भधारण सफल नहीं होता। वैज्ञानिक शोध बताते हैं कि दो-तिहाई से अधिक मानव भ्रूण गर्भावस्था के शुरुआती हफ्तों में ही समाप्त हो जाते हैं, अक्सर तब जब महिला को पता भी नहीं चलता कि वह गर्भवती है। इसका कारण भ्रूण का सही से विकसित न हो पाना या गर्भाशय में उसका सफल प्रत्यारोपण न हो पाना होता है।
स्पेस में प्रेगनेंसी संभव, लेकिन चुनौतियां कई
अंतरिक्ष में सूक्ष्म गुरुत्वाकर्षण की स्थिति होती है, जो गर्भधारण को और भी असहज बना सकती है। हालांकि, एक बार भ्रूण गर्भ में सफलतापूर्वक स्थापित हो गया, तो वहां उसका विकास बाधित नहीं होगा। भ्रूण वैसे भी एमनियोटिक फ्लूइड (गर्भजल) में तैरती स्थिति में रहता है, जो धरती की गुरुत्वाकर्षण की तुलना में एक तरह से सूक्ष्म गुरुत्व का अनुभव देता है।
बच्चे को जन्म देना और पालन-पोषण एक और बड़ी चुनौती
स्पेस में कुछ भी स्थिर नहीं रहता - न लोग, न वस्तुएं, न तरल। इसीलिए बच्चे को जन्म देना, उसे स्तनपान कराना और उसकी देखभाल करना बेहद कठिन होगा। यहां तक कि नवजात को पकड़कर रखना भी चुनौती बन सकता है क्योंकि हर चीज हवा में तैरती है।
विकिरण है सबसे बड़ा खतरा
अगर अंतरिक्ष में कुछ वाकई खतरनाक है, तो वह है ब्रह्मांडीय विकिरण। पृथ्वी पर हम वायुमंडल और चुंबकीय क्षेत्र की वजह से इन हानिकारक किरणों से सुरक्षित रहते हैं। लेकिन पृथ्वी से बाहर, विशेष रूप से अंतरिक्ष स्टेशनों या चंद्रमा और मंगल जैसी जगहों पर यह सुरक्षा कवच नहीं होता।
ब्रह्मांडीय किरणें मूल रूप से अत्यधिक ऊर्जा से भरे नंगे परमाणु नाभिक होते हैं। जब ये किसी जीवित कोशिका से टकराते हैं, तो डीएनए को नुकसान पहुंचाकर भ्रूण में गंभीर विकृति या गर्भपात तक का कारण बन सकते हैं। एक महीने का भ्रूण भी इनसे सुरक्षित नहीं है।