असम CM का बयान: माफी मांग लेते तो मामला वहीं खत्म हो जाता...राहुल बोले- गांधी किसी से माफी नहीं मांगता

punjabkesari.in Saturday, Mar 25, 2023 - 05:01 PM (IST)

 गुवाहाटी: असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने शनिवार को कहा कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी माफी मांग सकते थे या अपनी उस टिप्पणी को वापस ले सकते थे, जिसके लिए सूरत की एक अदालत ने उन्हें सजा सुनाई है। शर्मा ने एक कार्यक्रम से इतर कहा कि कभी-कभी जुबान फिसल जाती है और हमने भी इसका अनुभव किया है, लेकिन हम माफी मांगते हुए बयान जारी करते हैं और कहते हैं कि यह अनजाने में हुआ था। गांधी भी ऐसा कर सकते थे और यह मामला वहीं खत्म हो जाता। शर्मा ने मानहानि मामले में सूरत की एक अदालत के फैसले का जिक्र करते हुए दावा किया, लेकिन, राहुल गांधी ने माफी नहीं मांगी और न ही पिछले पांच साल में अपनी टिप्पणी को वापस लिया जो ''दिखाता है कि जानबूझकर ऐसा किया गया था और (यह) ‘ओबीसी' समुदाय को अपमानित करने के लिए था।

देश का संवैधानिक लोकतंत्र निम्न स्तर तक गिर गया
 पूर्व क्षेत्र में विपक्षी शासन वाले कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने राहुल की अयोग्यता का विरोध किया है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी को लोकसभा की सदस्यता से अयोग्य ठहराये जाने के बाद शुक्रवार को कहा कि देश का संवैधानिक लोकतंत्र निम्न स्तर तक गिर गया है। ममता बनर्जी ने गांधी का नाम लिये बिना कहा कि विपक्षी नेताओं को उनके भाषणों के लिए अयोग्य घोषित किया जा रहा है। तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख बनर्जी ने ट्वीट किया, प्रधानमंत्री (नरेंद्र) मोदी के नये भारत में विपक्षी नेता भाजपा का मुख्य निशाना बन गए हैं! आपराधिक पृष्ठभूमि वाले भाजपा नेताओं को मंत्रिमंडल में शामिल किया जाता है और विपक्षी नेताओं को उनके भाषणों के लिए अयोग्य घोषित किया जाता है।

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यह देश के लिए ‘आपातकाल' है
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने केंद्र की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि यह देश के लिए ‘आपातकाल' है। सोरेन ने कहा, ‘‘आज अमृतकाल में विपक्षी नेताओं को भाजपा और केंद्र द्वारा सत्ता के प्रत्येक हथियार का इस्तेमाल कर मजबूर किया जा रहा है और चुप कराया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने ट्वीट किया, ''... आज के अमृत काल में विपक्ष के नेता भाजपा के सीधे निशाने पर हैं। सत्ता के तमाम उपकरणों का उपयोग कर विपक्ष के नेता चुप कराये जा रहे हैं। 

मैं विपक्षी दलों का धन्यवाद करता हूं
बता दें कि इससे पहले राहुल गांधी ने आज अपनी लोक सभा संसद सदस्यता रद्द होने के बाद मोदी सरकार और अडाणी मुद्दे को लेकर जमकर घेराव किया। उन्होंने प्रेस कांफ्रेंस में अडानी और मोदी के रिश्ते को लेकर कई बड़े हमले बोले।  राहुल गांधी ने शनिवार को कहा कि लोकसभा की सदस्यता से उन्हें अयोग्य ठहराने के कदम से सरकार ने विपक्ष को एक बड़ा हथियार पकड़ा दिया है जिससे विपक्षी दलों को फायदा मिलेगा। उन्होंने समर्थन के लिए विपक्षी दलों का आभार जताया और कहा कि सब मिलकर काम करेंगे। राहुल गांधी ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘मैं विपक्षी दलों का धन्यवाद करता हूं कि उन्होंने मेरा समर्थन किया। हम सब मिलकर काम करेंगे।'

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अडाणी समूह में 20 हजार करोड़ रुपये का निवेश किया गया है, वो पैसा किसका
राहुल गांधी ने कहा, "असली सवाल यह है कि अडाणी समूह में 20 हजार करोड़ रुपये का निवेश किया गया है, वो पैसा किसका है?" उन्होंने दावा किया कि उन्हें लोकसभा की सदस्यता से अयोग्य ठहराया गया क्योंकि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इससे डरे हुए थे कि वह सदन में अडाणी मामले पर अपना अगला भाषण देने वाले थे। कांग्रेस नेता ने कहा, "अडाणी जी की शेल कंपनी हैं, उनमें 20 हजार करोड़ रुपया किसी ने निवेश किया है, ये पैसे किसके हैं? यह सवाल मैंने पूछा। मोदी जी और अडाणी जी के रिश्ते के बारे में पूछा। मेरी बातों को सदन की कार्यवाही से हटा दिया गया।"

गांधी किसी से माफी नहीं मांगता
राहुल गांधी ने मानहानि के मामले में लोकसभा सदस्यता से अयोग्य करार दिए जाने के एक दिन बाद शनिवार को अपने किसी भी बयान के लिए माफी मांगने या खेद जताने से स्पष्ट इनकार करते हुए कहा, 'मेरा नाम सावरकर नहीं है, मेरा नाम गांधी है, गांधी किसी से माफी नहीं मांगता।''

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राहुल के सांसद क्षेत्र में प्रधानमंत्री का फूंका पुतला
वहीं,  वायनाड में शनिवार को कांग्रेस कार्यकर्ताओं और उसके युवा और छात्र संगठनों द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पुतला फूंकने समेत जोरदार विरोध प्रदर्शन किया गया। राहुल गांधी लोकसभा में वायनाड का प्रतिनिधित्व कर रहे थे। वायनाड के कालपेट्टा में बीएसएनएल के कार्यालय तक विरोध मार्च में शामिल विधायक टी सिद्दीकी सहित कांग्रेस नेताओं को वहां से से हटा दिया गया और पुलिस द्वारा उन्हें बस से ले जाया गया। सिद्दीकी के अलावा, युवा कांग्रेस के कई कार्यकर्ताओं और प्रदेश कांग्रेस के नेताओं को भी गिरफ्तार किया गया और प्रदर्शन स्थल से हटा दिया गया। 

ओबीसी का अपमान किया
वहीं,  भाजपा के वरिष्ठ नेता रविशंकर प्रसाद ने राहुल पर आरोप लगाया कि गांधी ने मोदी उपनाम के बारे में अपने बयानों में ‘‘आलोचनात्मक नहीं अपमानजनक'' टिप्पणी की, जिसके कारण मानहानि का मुकदमा हुआ। प्रसाद ने दावा किया कि कांग्रेस नेता ने ‘‘ओबीसी का अपमान किया है, यह ऐसा मुद्दा है, जिसे पूरे देश में भाजपा द्वारा जोर-शोर से उठाया जाएगा।''


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Content Writer

Anu Malhotra

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