कनाडा-भारत बिगड़ते संबंधों का प्रवासियों और व्यापार पर जानें क्या पड़ेगा असर ?

punjabkesari.in Thursday, Sep 21, 2023 - 02:42 PM (IST)

इंटरनेशनल डेस्कः कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो द्वारा अपनी संसद में खालिस्तानी नेता हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के पीछे भारतीय एजेंसियों के हाथ होने की आशंका जता  कर पूरी दुनिया को हिलाकर रख दिया है। ट्रूडो के इस बयान के बाद से ही  कनाडा और भारत के बीच पहले से तनावपूर्ण चल रहे रिश्ते टूटने की कगार पर पहुंच गए हैं। दोनों देश एक-दूसरे के शीर्ष राजनयिकों को निष्कासित कर चुके हैं और भारत ने अपने नए एक्शन में कनाडा के नागरिकों की एंट्री देश में बैन करते हुए वीजा सेवाओं पर रोक लगा दी है। उधर, कनाडा ने भी अपने राजनयिको को भारत से वापस बुलाना शुरू कर दिया है। इन सबके बीच भारत ने कनाडा में रहने वाले नागरिकों को सतर्क रहने की सलाह भी दी है । अब सवाल यह है कि दोनों देशों के बीच बिगड़ रहे इन संबंधों का प्रवासियों और व्यापार पर क्या असर पड़ेगा। 

 

कनाडा में रहने वाले भारतीयों को लेकर चिंता के महत्वपूर्ण पहलू
जानकारों की माने तो कनाडा और भारत के बीच संबंधों के जड़ में दोनों देशों के बीच व्यापार और कनाडा में रहने वाले भारतीय प्रवासी सबसे महत्वपूर्ण पहलू हैं। ऐसे में कनाडा में रहने वाले भारतीयों को लेकर भी चिंता स्वभाविक है। खास तौर पर भारतीय छात्रों के लिए  जो कनाडा के अलग-अलग राज्यों में उच्च शिक्षा पाने के इरादे से रह रहे हैं और वो जो अब कनाडा के वर्कफोर्स का सक्रिय हिस्सा बन चुके हैं।  पिछले वर्ष कनाडा द्वारा जारी जनगणना आंकड़ों  के मुताबिक वहाँ पर दूसरे देशों से जाकर बसने वालों की कुल संख्या में से 18.6 फीसदी भारतीय हैं। टाइम मैगज़ीन की एक रिपोर्ट के अनुसार भारत के बाद सिखों की सबसे बड़ी आबादी कनाडा में बसती है। ये वहां की कुल आबादी का 2.1 फ़ीसदी हिस्सा हैं।  इतना ही नहीं वर्ष 2018 से कनाडा में सबसे ज्दाया अंतर्राष्ट्रीय छात्र भारत से ही पहुंच रहे हैं। 

 

कनाडा की अर्थव्यवस्था के लिहाज से भी भारतीय अहम
द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट में बताया गया कि सबसे ज्यादा भारतीय प्रवासी कनाडा के टोरंटो, ओटावा, वॉटरलू और ब्रैम्टन शहरों में बसे हैं। इनमें से टोरंटो भारतीयों के गढ़ की तरह है। इस शहर को कनाडा के विकास के लिहाज़ से शीर्ष माना जाता है।  इनके अलावा ब्रिटिश कोलंबिया में भी भारतीयों की अच्छी-खासी संख्या है।बता दें कि ब्रिटिश कोलंबिया के गुरुद्वारे में ही हरदीप सिंह निज्जर को गोली मारी गई थी। अगर दोनों देशों के बीच विवाद बढ़ता है तो  इन पर असर पड़ने की आशंका है। 
 

  • रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के अनुसार साल 2022 में कनाडा में पढ़ रहे विदेशी छात्रों में 40 फसदी भारतीय हैं। 
  • कनाडा की अर्थव्यवस्था के लिहाज से भी भारतीय अहमियत रखते हैं।
  • रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक कनाडा में टीसीएस, इन्फ़ोसिस, विप्रो जैसी 30 भारतीय कंपनियों ने अरबों डॉलर का निवेश किया हुआ है, जिससे हजारों लोगों को रोजगार मिलता है।
  •  इसके अलावा भारत से बड़ी संख्या में रोजगार के लिए लोग कनाडा का रुख करते हैं।
  • इनमें पंजाबियों की संख्या काफी अधिक है।  कनाडा की कुल आबादी तकरीबन 3 करोड़ 82 लाख है।
  • इनमें 9 लाख 42 हजार 170 पंजाबी हैं। पंजाब के लोग कनाडा में बड़ी संख्या में नौकरी और कारोबार करते हैं।
  • पंजाबी लोगों का एग्रीकल्चर और डेयरी फार्मिंग बिजनेस पर कब्जा है।
  • इसके अलावा यूपी, नई दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान और दक्षिण भारत के बड़ी संख्या में कनाडा में हैं।

 


राजनयिक रिश्ते खराब हुए तो कारोबारी रिश्तो पर पड़ेगा ये असर
दोनों देशों के बीच अरबों डॉलर का करोबार होता है। अगर राजनयिक रिश्ते खराब होते हैं तो इसका असर कारोबारी रिश्ते पर पड़ना तय है जिस कारण  दोनों देशों कारोबारियों की नींद उड़ गई है।  रिपोर्ट के अनुसार भारत और कनाडा के बीच द्विपक्षीय व्यापार में हाल के वर्षों में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है। इसके चलते 2022-23 में 8.16 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया है। कनाडा को भारत जिन सामानों का निर्यात करता है, उनमें फार्मास्यूटिकल्स, हीरे-जवाहरात, बहूमूल्य रत्न , दवाईयां, रेडीमेड कपड़े, अनस्टिच कपड़े, ऑर्गनिक रसायन, हल्का इंजीनियरिंग समान, लोहा और मशीनरी शामिल हैं। भारत कनाडा को करबी 4.1 बिलियन डॉलर के सामान का निर्यात करता है। वहीं, कनडा से भारत दालें, लकड़ी, लुगदी और कागज और खनन उत्पाद का आयात करता है। यह करीब 4.06 बिलियन डॉलर का है। वित्त वर्ष 2023-24 की पहली तिमाही में, कनाडा को भारत का निर्यात लगभग 911 मिलियन डॉलर का था, जबकि कनाडा से आयात 990 मिलियन डॉलर का था।

 
विशेषज्ञों ने  निवेश लेकर  दिया दिलासा
कनाडा के इन्वेस्ट इंडिया पेज के अनुसार, अप्रैल 2000 से मार्च 2023 तक कनाडा ने भारत में लगभग 3,306 मिलियन डॉलर का निवेश किया है। कनाडा भारत में 17वां सबसे बड़ा विदेशी निवेशक है। कनाडाई निवेश कुल एफडीआई (प्रत्यक्ष विदेशी निवेश) प्रवाह का लगभग 0.5 प्रतिशत है। वहीं, दूसरी ओर दूसरी ओर, भारत 2022 में कनाडा का नौवां सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार है। कनाडा से भारत में कुल FDI निवेश में सेवाओं और बुनियादी ढांचे का योगदान 40.63 प्रतिशत था। आपको बता दें कि 600 से अधिक कनाडाई कंपनियां भारत में अपना बिजनेस करती है। विशेषज्ञों का कहना है  कि भारत और कनाडा के बीच ताजा तनाव से दोनों देशों के बीच व्यापार और निवेश पर असर पड़ने की संभावना नहीं है क्योंकि आर्थिक संबंध व्यावसायिक विचारों से प्रेरित होते हैं। ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (GTRI) के सह-संस्थापक अजय श्रीवास्तव ने बताया कि कनाडा के पेंशन फंड भारत के बड़े बाजार और निवेश किए गए पैसे पर अच्छे रिटर्न के आधार पर भारत में निवेश जारी रखेंगे।


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Content Writer

Tanuja

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