एक रात मैंने पी ली और मैं खुद को रोक नहीं सका और फिर...

punjabkesari.in Wednesday, May 27, 2015 - 05:39 PM (IST)

नई दिल्ली: दिल्ली यूनिवर्सिटी में पढऩे वाले एक ''गे'' स्टुडेंट की कहानी सुनकर आपकी भी आंखों में पानी आ जाएंगे। इस शख्स ने खुद अपनी जिंदगी के उन कड़वे लम्हों को शेयर किया जिन्हें शायद वह जिदंगी भर भूल न पाए। 

लड़के ने बताया कि दिल्ली यूनिवर्सिटी में मेरे मास्टर प्रोग्राम का आखिरी साल था। इसी दौरान कोर्स के पार्ट के तौर हम स्टडी टूर पर गए। यहां मेरी क्लास में एक लड़का था, जिसके लिए मेरे पास भावनाएं थी, इसके अलावा वह मेरा पारिवारिक दोस्त भी था। इस ट्रिप के दौरान हमने एक ही कमरा शेयर किया। एक रात मैंने ड्रिंक कर ली और फिर मैं खुद को रोक नहीं पाया। यह मेरे खत्म होने की शुरुआत थी। वह मेरे घर आया और पूरी कहानी सुना डाली। उसने मुझे मेरे परिवार के सामने मुझे बेइज्जत किया। 

मेरी बहन साइकोलॉजिस्ट हैं। उन्होंने मुझसे वादा किया कि वह मुझे ''स्ट्रेट'' होने में मदद करेगी, जो कि मैं होना नहीं चाहता था। वह मुझे लेकर एक जाने माने मनोरोग चिकित्सक के पास गई। मनोचिकित्सक ने मुझे सोच बदलने के लिए और मुझसे हेट्रोसेक्सुअल लव मेकिंग के बारे में बात करता।

जब मैंने उसे कहा कि मैं लड़कियों की तरफ आकर्षित नहीं होता, तो उसने मुझे कुर्सी पर बैठने के लिए कहा और मेरी अंगुलियों में इलेक्ट्रोड्स लगा दिए। उस समय उसने मुझे हल्के इलेक्ट्रिक झटके दिए, हर शॉक के बाद वह मुझे नंगे पुरुष की तस्वीर दिखाता और फिर शॉक देता। हालांकि जब इसका भी असर नहीं हुआ, तो उसने मुझे बिस्तर पर लेटने के लिए कहा और मेरी खोपड़ी से इलेक्ट्रोड्स सटा दिए। इस दौरान मेरे हाथ और पैर बांध दिए गए थे और मेरा मुंह बंद था ताकि मैं अपनी जीभ ना चबा जाऊं।

यह सब लगभग 15 से 20 मिनट तक चलता रहा। तीन महीने में मैंने लगभग 21 शॉक ट्रीटमेंट झेले। यह भयानक था। मैं विमूढ़ हो गया था और हमेशा मिचली महसूस करता। मैं ठीक ढंग से बात नहीं कर पता, जब बोलता तो जुबान लडख़ड़ाने लगती। इन सबके कारण मैंने अपना वाइवा मिस कर दिया। तीन महीने तक मैं अपने घर में कैद था। मेरी पढ़ाई बाधित हुई और डिग्री एक साल लेट हो गई। बहरहाल, मैं गे हूं और हमेशा रहूंगा। अब मैं सामान्य हालत में आ गया हूं।


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