कश्मीर में झेलम नदी उफान पर, बाढ़ की घोषणा

punjabkesari.in Monday, Mar 30, 2015 - 03:06 PM (IST)

श्रीनगर: जम्मू एवं कश्मीर सालभर के भीतर एक बार फिर बाढ़ की चपेट में है। राज्य की कश्मीर घाटी में पिछले चार दिनों से भारी बारिश व बर्फबारी के कारण हालात खतरनाक स्तर तक पहुंच चुके हैं। कश्मीर में झेलम नदी उफान पर है। संकटपूर्ण स्थिति को देखते हुए राज्य सरकार ने सोमवार को घाटी के बाढ़ से प्रभावित होने की घोषणा की।

मोदी ने नकवी को किया नियुक्त
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बाढ़ की स्थिति के आकलन तथा सभी तरह की सहायता के वास्ते राज्य प्रशासन के साथ समन्वय के लिए मुख्तार अब्बास नकवी को कश्मीर रवाना किया है। नकवी को बाढ़ की स्थिति के बारे में आकलन करने और राहत अभियान में सैन्य अधिकारियों के साथ ही राज्य सरकार के साथ समन्वय की जिम्मेदारी दी गई है।

सईद ने मांगी सेना से मदद

जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद ने बाढ़ की स्थिति से मुकाबले के लिए सेना से मदद के लिए कहा है। सईद ने सेना से कहा है कि स्थानीय प्रशासन को साजो समान के तौर पर कर्मी और मशीनें मुहैया कराये जाएं जिससे कि नागरिक प्रशासन घाटी में बाढ़ की स्थिति से असरदार तरीके से निपटा जा सके। वहीं, सैन्य प्रतिनिधि ने मुख्यमंत्री को आश्वस्त किया कि आसन्न बाढ़ के खतरे से मुकाबले के लिए सेना सभी जरूरी मदद सरकार को मुहैया कराएगी। सईद ने जरूरत पडऩे पर राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) टीमों को भी काम पर लगाने का निर्देश दिया।


लोग छोड़ रहे हैं घर
हालात खराब होने कारण लोग सुरक्षित स्थानों की तलाश में अपने घरों को छोड़कर पलायन कर रहे हैं। अधिकारी पहाड़ी जलधाराओं और झेलम नदी के जलस्तर पर नजर बनाए हुए हैं। घाटी में बाढ़ के मौजूदा हालात ने वर्ष 2014 में वहां आई बाढ़ की याद दिला दी है, जिसके कारण यहां भारी तबाही हुई थी और सैकड़ों लोगों की जान गई थी।

एक शीर्ष संभागीय प्रशासनिक नेता ने एक न्यूज एजैंसी को बताया, ‘‘सोमवार को अनंतनाग में संगम पर जलस्तर 22.8 फुट, श्रीनगर के राम मुंशीबाग पर 19 फुट और बांदीपोरा में अशिम पर 11.55 फुट दर्ज किया गया। सभी अधिकारियों को ड्यूटी पर तैनात रहने और आवश्यकता पडऩे पर उपलब्ध रहने के आदेश दिए गए हैं।’’

अधिकारी ने कहा कि झेलम नदी के तट पर बसे परिवारों को अतिरिक्त सतर्कता बरतने की सलाह दी गई है। उन्हें सुरक्षित स्थानों पर जाने के लिए कहा गया है। श्रीनगर के बाढ़ प्रभावित इलाकों जैसे राजबाग, जवाहर नगर, गोगजीबाग, वजीर बाग सहित कई जगहों पर रहने वाले लोग रविवार शाम से ही सुरक्षित स्थानों पर जाने लगे हैं। रेजीडेंसी रोड और लाल चौक पर दुकान लगाने वाले व्यवसायियों को दुकान का माल और सामान सुरक्षित स्थानों पर ले जाते देखा गया। बीते साल (2014) सितंबर महीने में घाटी में आई भयंकर बाढ़ में भी ये इलाके बुरी तरह प्रभावित हुए थे। घाटी में भारी वर्षा के कारण बीते दो दिनों में 80 से ज्यादा सार्वजनिक और निजी संपत्तियों को क्षति पहुंची है।

जम्मू-श्रीनगर राजमार्ग शनिवार तक बंद
घाटी को देश के अन्य हिस्से से जोडऩे वाले महत्वपूर्ण जम्मू-श्रीनगर राजमार्ग को शनिवार को बंद कर दिया गया। जम्मू में अधिकारियों ने कहा कि राजमार्ग सोमवार को भी बंद रहेगा। ऊंचाई वाले क्षेत्रों पर हिमस्खलन की भी आशंका को लेकर चेतावनी जारी की गई है। राज्य में सभी परीक्षाओं को तीन अप्रैल तक के लिए स्थगित कर दिया गया है। घाटी में अंतर-राज्य संपर्क भी बुरी तरह प्रभावित हुआ है। श्रीनगर-गुलमर्ग, श्रीनगर-कुपवाड़ा और श्रीनगर-बांदीपोरा मार्गों को बाढ़ के कारण बंद करना पड़ा है। पुल और छोटी पुलिया बाढ़ में डूब चुके हैं। मौसम विभाग ने सोमवार के बाद मौसम में सुधार होने का पूर्वानुमान जताया है।

 


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