NH-709A Toll Free: NHAI का सख्त ऐक्शन - टोल कंपनी बैन, यह हाईवे हुआ Toll फ्री
punjabkesari.in Wednesday, Aug 20, 2025 - 01:26 PM (IST)

नेशनल डेस्क: मेरठ के भुनी टोल प्लाजा पर सेना के जवान के साथ हुई मारपीट की घटना के बाद अब नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) ने बड़ा कदम उठाया है। पूरे विवाद के बाद मेरठ-करनाल नेशनल हाईवे (NH-709A) पर स्थित भुनी टोल प्लाजा को अस्थायी रूप से टोल फ्री कर दिया गया है। यह व्यवस्था तब तक लागू रहेगी जब तक नई एजेंसी को टोल वसूली का ठेका नहीं सौंपा जाता।
क्या है पूरा मामला?
घटना 17 अगस्त की रात की है। गोटका गांव के रहने वाले सेना के जवान कपिल कुमार, छुट्टी के बाद ड्यूटी पर लौट रहे थे। जब वे भुनी टोल प्लाजा पर पहुंचे तो उन्होंने खुद को स्थानीय निवासी बताते हुए टोल देने से इनकार किया। इसी बात पर टोल कर्मचारियों से बहस हो गई। विवाद ने तब भयानक मोड़ ले लिया जब कर्मचारियों ने जवान को खंभे से बांधकर बुरी तरह पीटा। वहां मौजूद कुछ लोगों ने इस घटना का वीडियो बना लिया जो जल्द ही सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। वीडियो में जवान को थप्पड़ों की बौछार और गालियों के बीच चिल्लाते हुए देखा जा सकता है।
सोशल मीडिया से उठा जनाक्रोश
वीडियो वायरल होते ही स्थानीय लोगों में आक्रोश फैल गया। बड़ी संख्या में ग्रामीणों ने टोल प्लाजा पर पहुंचकर तोड़फोड़ और प्रदर्शन किया। हालात बेकाबू होते देख प्रशासन ने 8 थानों की पुलिस फोर्स तैनात की और स्थिति को संभाला।
NHAI का एक्शन: जुर्माना, ठेका रद्द और भविष्य में बैन
घटना की गंभीरता को देखते हुए केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने एनएचएआई को तत्काल उच्चस्तरीय जांच के निर्देश दिए। रिपोर्ट में टोल कंपनी की घोर लापरवाही और कर्मचारियों की सीधी संलिप्तता साबित हुई।
इसके बाद NHAI ने:
-टोल कंपनी ‘मेसर्स धरम सिंह एंड कंपनी’ पर ₹20 लाख का जुर्माना लगाया
-कंपनी का ठेका तत्काल रद्द कर दिया
-कंपनी को भविष्य में किसी भी टोल निविदा में भाग लेने से प्रतिबंधित करने की प्रक्रिया शुरू की
-यह जानकारी एनएचएआई बागपत के परियोजना निदेशक निरंजन सिंह ने दी।
अस्थायी रूप से टोल फ्री हुआ हाईवे
इस घटना के बाद NHAI ने फैसला लिया कि जब तक किसी नई कंपनी को अनुबंध नहीं दिया जाता, तब तक मेरठ-करनाल हाईवे (NH-709A) पूरी तरह से टोल फ्री रहेगा। स्थानीय नागरिकों और रोजाना इस मार्ग से गुजरने वाले यात्रियों ने इस निर्णय पर राहत की सांस ली है।
क्या कहती है सेना?
सेना की ओर से भी घटना पर गंभीर नाराज़गी जताई गई है और दोषियों पर कानूनी कार्रवाई की मांग की गई है। प्रशासन ने आश्वासन दिया है कि जवान के साथ अन्याय नहीं होने दिया जाएगा।