प्रदूषण पर सुप्रीम कोर्ट ने MCD को लगाई फटकार, ''टोल वसूली से ज्यादा जरूरी है लोगों की सेहत''
punjabkesari.in Wednesday, Dec 17, 2025 - 05:02 PM (IST)
नेशनल डेस्क : दिल्ली एनसीआर में बढ़ते प्रदूषण की गंभीर समस्या को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने अहम सुझाव और निर्देश दिए हैं। कोर्ट ने कहा है कि अगले साल 1 अक्टूबर से 31 जनवरी तक एमसीडी टोल न रखने का प्रयास किया जाए, क्योंकि टोल प्लाजा पर लगने वाला जाम प्रदूषण के प्रमुख कारणों में शामिल है। सुप्रीम कोर्ट ने एमसीडी से कहा कि टोल बूथ को शिफ्ट करने और टोल न लगाने के विकल्प पर एक हफ्ते के भीतर विचार कर ठोस फैसला लें।
नेशनल हाईवेज अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) को भी निर्देश दिया गया कि वे टोल वसूली कर एमसीडी को हिस्सा देने पर विचार करें। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि सार्वजनिक स्वास्थ्य और प्रदूषण नियंत्रण को प्राथमिकता दी जानी चाहिए और केवल आमदनी बढ़ाने के उद्देश्य से टोल वसूली नहीं की जा सकती। सुनवाई के दौरान कोर्ट को दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण की प्रमुख वजहों की जानकारी दी गई, जिनमें दिल्ली-गुरुग्राम एमसीडी टोल प्लाजा शामिल है। वकील ने बताया कि इस टोल प्लाजा के कारण घंटों लंबा जाम लगता है और सड़क पर खड़े वाहन प्रदूषण फैलाते हैं।
मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) सूर्यकांत ने एमसीडी को फटकार लगाते हुए कहा, “अधिकारी एमसीडी से क्यों नहीं कहते कि जनवरी तक कोई टोल न लगाए। कल को आप कनॉट प्लेस में भी टोल लगाना शुरू कर देंगे?” उन्होंने यह भी कहा कि टोल से उत्पन्न आय आवश्यक नहीं है, जबकि इससे मुकदमेबाजी और लोगों की रोजमर्रा की परेशानी बढ़ रही है।
सीजेआई ने कहा कि टोल की वजह से लोग जाम से डरते हैं, सामाजिक और व्यक्तिगत जीवन प्रभावित होता है, और यह हर रोज की सच्चाई है, न कि आरोप। कोर्ट ने एमसीडी से कहा कि अगले साल 1 अक्टूबर से 31 जनवरी तक टोल प्लाजा बंद रखने के लिए एक ठोस योजना प्रस्तुत करें, ताकि दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण पर नियंत्रण रखा जा सके।
