ब्रह्मोस जैसा हथियार चीन और पाकिस्तान के पास भी नहींः रक्षा विशेषज्ञ

punjabkesari.in Thursday, Nov 23, 2017 - 12:02 AM (IST)

नेशनल डेस्कः भारत ने सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस का सुखोई लड़ाकू विमान से सफल परीक्षण करके बड़ी कामयाबी हासिल की है। इस पर देश के रक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि वर्तमान में इस मिसाइल की तकनीक न पाकिस्तान के पास है और यहां तक कि चीन भी इस तकनीक को हासिल करने में भारत से पीछे ही है। 
PunjabKesariलक्ष्य को निशाना बनाने की क्षमता में बढ़ोत्तरी
ब्रह्मोस को दुनिया की सबसे तेज़ सुपरसोनिक मिसाइल माना जाता है, जिसकी रफ़्तार 2.8 मैक है, जो मैक ध्वनि की रफ़्तार के बराबर की इकाई है। भारत और रूस के संयुक्त उपक्रम के तहत तैयार इस मिसाइल के जल और थल परीक्षण पहले ही हो चुके हैं। रक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि "इस परीक्षण से सीमा पर दूर से किसी लक्ष्य को निशाना बनाने की क्षमता में बढ़ोत्तरी हुई है।" उनके मुताबिक, सुखोई लड़ाकू विमान आम तौर पर ज़मीन से तीन से 3.5 किलोमीटर ऊपर उड़ता है। अगर सुखोई जैसे लड़ाकू विमान से इसे दागा जाता है तो इसकी रेंज और मारक क्षमता, लंबी दूर और ऊंचाई दोनों स्तरों पर स्वाभाविक रूप से बढ़ोतरी हो जाएगी।
PunjabKesariचीन से काफी पहले भारत ने हासिल की तकनीक
रक्षा विशेषज्ञ कोमोडोर उदय भास्कर के मुताबिक, एयर लॉन्च्ड क्रूज मिसाइल की तकनीक पाकिस्तान के पास नहीं है और यहां तक कि मौजूदा समय में चीन के पास भी नहीं है। हालांकि उन्होंने ये भी कहा कि अगर चीन चाहे तो ऐसी तकनीक विकसित कर सकता है लेकिन वर्तमान में भारत ही इकलौत देश है, जिसके पास ये तकनीक है और उसने जल, वायु और जमीन तीनों ही रूप में मसाइल का सफल परीक्षण भी किया है।
PunjabKesariमिसाइल का कई बार परीक्षण कर चुका भारत
28 अप्रैल 2002 को भारत ने ध्वनि की गति से भी तेज़ चलने वाली सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल का परिक्षण किया था और इसे ब्रहमोस का नाम दिया गया। भारत ने इसका निर्माण रूस के सहयोग से किया था। दोनों देशों के बीच 1998 में ये ज्वाइंट वेंचर हुआ था। इस मिसाइल का भारत कई बार परीक्षण कर चुका है। ब्रहमोस 290 किलोमीटर तक की मार करने की क्षमता रखता है और इसका वजन तीन टन है। ये जहाज, पनडुब्बी और हवा समेत कई प्लेटफॉर्म से दागी जा सकती है। 

अमरीकी मिसाइल भी इसके आगे कमतर
-आवाज की गति से करीब 3 गुना अधिक रफ्तार से हमले में सक्षम 
-कोई दूसरी मिसाइल तेज गति से हमले के मामले में इसकी बराबरी में नहीं  
-अमरीका की टॉम हॉक मिसाइल भी इसके आगे कमतर है
-ब्रह्मोस परमाणु तकनीक से लैस है
-लड़ाकू विमान से दागे जाने पर 400 कि.मी. दूर तक मार करने में सक्षम 


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