आतंकी दुजाना की ऑडियो में नया खुलासा, सेना के सामने बड़ी चुनौती

punjabkesari.in Saturday, Aug 05, 2017 - 11:30 AM (IST)

श्रीनगरः पुलवामा में सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में मारे गए पाकिस्तानी आतंकवादी अबु दुजाना का पिछले दिनों ऑडियो सामने आया था जिसमें उसने घाटी में आतंकवाद को लेकर पाकिस्तान की पोल खोलकर रख दी थी। एनकाउंटर से पहले सेना के एक अधिकारी से फोन पर बातचीत में दुजाना ने कहा था कि उसे पता है कि वो पाकिस्तान के हाथों की कठपुतली है और वो कश्मीर में पाकिस्तान के गंदे खेल का एक मोहरा मात्र है। उसने कहा था कि वह सरेंडर नहीं करेगा बाकि जो अल्ला को मंजूर। वहीं अब ऑडियो से नया खुलासा हो रहा है कि उसका संबंध अल कायदा से भी नजर आने लगा है। दुजाना के साथ ही सुरक्षाबलों ने एक और आतंकी आरिफ लाहिरी को भी मार गिराया था।

मूसा ने दुजाना को बताया शहीद
दरअसल दुजाना की जो ऑडियो क्लिप सामने आई है उसमें उसने आरिफ के घरवालों से बात की है। साथ ही अलकायदा कमांडर जाकिर मूसा और कश्मीरियों को भी एक संदेश दिया है। अल कायदा ने कश्मीर में जो यूनिट शुरू की है उसका नाम गजवत-उल-हिंद है और कहा जा रहा है कि दोनों ने ही लश्कर को छोड़कर इस संगठन को ज्वॉइन कर लिया था जिसका मुखिया जाकिर मूसा है। मूसा दुजाना की मौत के बाद एक वीडियो जारी किया है और उसने दुजाना को शहीद करार दिया है। वहीं सुरक्षाबलों के हाथों मारे जा रहे आतंकियों के शवों पर पाकिस्तानी या इस्लामी ध्वज की जगह तौहीद का काला झंडा आईएस (इस्लामिक स्टेट) नजर आ रहा है। इससे अल कायदा की पकड़ मजबूत होती नजर आ रही है।

पाकिस्तान के झंडों का इस्तेमाल नहीं
मारे गए आतंकी का जो ऑडियो सामने आया उसमें उसने अपने घरवालों से कहा है कि अगर उसकी मौत हो जाए तो उसे पाकिस्तान के झंडे में न लपेटा जाए बल्कि सुपर्द-ए-खाक करते समय उसे तौहीद झंडे में लपेटा जाए। आरिफ का कहना था कि ऐसा करके उसके परिवार को उसकी शहादत का सम्मान करना होगा। वहीं आतंकियों के जनाजों में जीवे-जीवे पाकिस्तान के बजाए अब मूसा-मूसा जाकिर मूसा गूंज रहा है। हालांकि 12 जुलाई को मारे गए आतंकी सज्जाद गिलकार के शव को पहले इस्लामिक और पाकिस्तानी झंडे के साथ ही कफन पहनाया गया था, लेकिन कुछ लोगों ने इन झंडों को उतार उसकी जगह तौहीद का झंडा व आइएस का झंडा रख दिया था।

शुक्रवार को अनंतनाग में सुरक्षाबलों के हाथों मारे गए आतंकी यावर का शव भी इसी झंडे में लिपटा था। यावर के शव पर तौहीद का झंडा इसलिए भी अहमियत रखता है, क्योंकि यावर को सुरक्षा एजेंसियां हिज्ब आतंकी मानती है। हिजबुल मुजाहिदीन ने भी उसे अपना आतंकी माना है, लेकिन शव पर पाकिस्तानी या हिजबु़ल का झंडा नहीं था।


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