23,123 करोड़ रुपए के इमरजेंसी हेल्थ पैकेज का ऐलान, मोदी सरकार का बड़ा फैसला
punjabkesari.in Thursday, Jul 08, 2021 - 08:51 PM (IST)

नई दिल्लीः केंद्रीय मंत्रिमंडल ने कोरोना महामारी से मुकाबले के लिये देश में स्वास्थ्य आधारभूत ढांचा मजबूत बनाने के मकसद से 23,123 करोड़ रूपये के पैकेज को बृहस्पतिवार को मंजूरी प्रदान कर दी। मंत्रिमंडल की बैठक के बाद संवाददाताओं को संबोधित करते हुए नव नियुक्त स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री मनसुख मंडाविया ने यह जानकारी दी । केंद्रीय मंत्रिपरिषद में बुधवार को हुए व्यापक फेरबदल व विस्तार के बाद बृहस्पतिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हुई बैठक में यह फैसला किया गया।
मंडाविया ने कहा कि इस पैकेज को अगले नौ महीने में मार्च 2022 तक लागू किया जायेगा । उन्होंने कहा कि यह आपतकालीन प्रतिक्रिया एवं स्वास्थ्य प्रणाली तैयारी पैकेज का दूसरा चरण है। केंद्र सरकार इससे पहले देश भर में कोविड समर्पित अस्पताल एवं स्वास्थ्य केंद्र स्थापित करने के लिये 15000 करोड़ रूपये दे चुकी है। सरकारी बयान के अनुसार, ‘‘ केंद्रीय मंत्रिमंडल ने वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए 23,123 करोड़ रुपये की एक नई योजना भारत कोविड-19 आपात प्रतिक्रिया और स्वास्थ्य प्रणाली तैयारी पैकेज- चरण 2 को स्वीकृति दे दी ।''
बयान में कहा गया है कि इस योजना का उद्देश्य बाल चिकित्सा देखभाल सहित स्वास्थ्य ढांचे का विकास और उचित परिणामों पर जोर के साथ शुरुआती रोकथाम, पहचान और प्रबंधन के उद्देश्य से त्वरित प्रतिक्रिया के लिए स्वास्थ्य प्रणाली की तैयारियों में तेजी लाना है। इस पैकेज के चरण-2 में केंद्रीय क्षेत्र (सीएस) और केंद्र प्रायोजित योजनाओं (सीएसएस) के घटक शामिल हैं।
बयान के अनुसार, केंद्रीय क्षेत्र के घटकों के अंतर्गत एम्स और अन्य राष्ट्रीय महत्व के संस्थानों (वीएमएमसी और सफदरजंग अस्पताल, दिल्ली, एलएचएमसी और एसएसकेएच, दिल्ली, आरएमएल, दिल्ली, रिम्स, इम्फाल और एनईआईजीआरआईएमएस, शिलांग, पीजीआईएमईआर, चंडीगढ़, जेआईपीएमईआर, पुडुचेरी और एम्स दिल्ली (मौजूदा एम्स) और पीएमएसएसवाई के तहत नए एम्स) को कोविड प्रबंधन के लिए 6,688 बिस्तरों के संबंध में सहायता उपलब्ध कराई जाएगी।
बयान के अनुसार, केंद्र प्रायोजित योजनाओं के घटकों के तहत किए जा रहे प्रयासों का उद्देश्य महामारी के खिलाफ प्रभावी और त्वरित प्रतिक्रिया के लिए जिला और उप जिला क्षमता को मजबूत बनाना है। इसके तहत सभी 736 जिलों में बाल चिकित्सा इकाइयां स्थापित करना और टेली-आईसीयू सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए हर राज्य/केन्द्र शासित प्रदेश में बाल चिकित्सा उत्कृष्टता केंद्र (बाल चिकित्सा सीओई) की स्थापना की जायेगी और जिला बाल चिकित्सा इकाइयों को सलाह और तकनीकी सहायता दी जायेगी।
बयान के अनुसार, इसके तहत सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणाली में 20,000 आईसीयू बिस्तर बढ़ाने के लिये सहायता दी जायेगी जिनमें से 20 प्रतिशत बाल चिकित्सा आईसीयू बिस्तर होंगे।ग्रामीण, अर्ध शहरी और जनजातीय इलाकों में कोविड-19 के पहुंचने के कारण मौजूदा इकाइयों में अतिरिक्त बिस्तर जोड़ने का काम किया जायेगा।