अमेरिकी पूर्व अधिकारी की ट्रंप से मांग- पाकिस्तान को आतंकी राष्ट्र घोषित करें, भारत भुगत रहा नुकसान

punjabkesari.in Friday, May 09, 2025 - 10:08 AM (IST)

नेशनल डेस्क. पेंटागन के पूर्व अधिकारी और अमेरिकी थिंक टैंक अमेरिकन एंटरप्राइज इंस्टीट्यूट के वरिष्ठ फेलो माइकल रुबिन ने भारत-पाकिस्तान के बीच चल रहे तनाव पर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि इस संघर्ष की शुरुआत पाकिस्तान की ओर से हुई है, जिसने आतंकवाद को समर्थन देकर माहौल को बिगाड़ा। वहीं भारत इस आतंकवाद का शिकार हुआ है।

भारतीय सेना ने दिखाई ताकत

रुबिन ने भारत की सैन्य रणनीति की सराहना करते हुए कहा कि शुरुआत में भले ही उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रतिक्रिया में देरी को लेकर सवाल उठाए थे, लेकिन अब यह स्पष्ट हो गया है कि भारतीय सेना ने सोच-समझकर और योजनाबद्ध तरीके से कार्रवाई की। उन्होंने कहा कि भारत की सेना ने अपनी क्षमता का बेहतर प्रदर्शन किया है।

पाकिस्तान की छटपटाहट और गलतियां

रुबिन ने आगे कहा कि पाकिस्तान अब अपनी साख बचाने की कोशिश कर रहा है, लेकिन उसे यह समझना चाहिए कि जब आप खुद को गड्ढे में पाते हैं, तो खुदाई बंद कर देनी चाहिए। उनके मुताबिक, पाकिस्तान की मौजूदा हालत उसी तरह की है। वह खुद की गलतियों से बने हालात में और उलझता जा रहा है।

अमेरिका को लेना चाहिए स्पष्ट रुख

माइकल रुबिन का कहना है कि अमेरिका ने अब तक केवल लश्कर-ए-तैयबा जैसे आतंकी संगठनों को ही आतंकवादी घोषित किया है, लेकिन उसने पाकिस्तान को कभी "आतंकवाद को प्रायोजित करने वाला देश" नहीं कहा। रुबिन का मानना है कि अब समय आ गया है कि अमेरिका आतंक के पूरे नेटवर्क को जड़ से पहचानते हुए पाकिस्तान को सीधे तौर पर आतंकवादी प्रायोजक राष्ट्र घोषित करे और भारत के समर्थन में खुलकर खड़ा हो।

पाक सेना प्रमुख असीम मुनीर पर आरोप

रुबिन ने पाकिस्तानी सेना प्रमुख असीम मुनीर की आलोचना करते हुए कहा कि उन्होंने कभी तर्क दिया था कि हिंदू और मुसलमान साथ नहीं रह सकते। इस पर रुबिन ने जवाब दिया कि भारत में दोनों समुदाय साथ रह रहे हैं और अच्छी तरह रह रहे हैं। उल्टा पाकिस्तान में स्थिति खराब है, क्योंकि वहां अल्पसंख्यकों को व्यवस्थित तरीके से बाहर निकाला जा रहा है।

पाकिस्तान की विफलताओं का दोष अल्पसंख्यकों पर

रुबिन ने कहा कि पाकिस्तान जब भी भ्रष्टाचार, आर्थिक संकट या नेतृत्व की विफलताओं से जूझता है, तो वह जनता का ध्यान भटकाने के लिए अल्पसंख्यकों पर निशाना साधता है। यह एक पुराना तरीका है, जिससे सरकार अपनी नाकामियों को छुपाने की कोशिश करती है।

अमेरिकी विदेश विभाग की प्रतिक्रिया

इसी बीच अमेरिकी विदेश विभाग की प्रवक्ता टैमी ब्रूस ने जानकारी दी कि विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने भारत और पाकिस्तान के नेताओं से बातचीत की है। उन्होंने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर से अपील की कि दोनों देश संयम बरतें और तनाव को कम करने के प्रयास करें।


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Content Editor

Parminder Kaur

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