चीन-पाक की नींद उड़ाने आ रहा AMCA, 5वीं पीढ़ी का फाइटर जेट देगा दुश्मनों को करारा जवाब
punjabkesari.in Tuesday, May 27, 2025 - 12:24 PM (IST)

नेशनल डेस्क। भारत की स्वदेशी रक्षा क्षमताओं को एक बड़ी उड़ान मिलने वाली है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने एडवांस मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (AMCA) प्रोग्राम को औपचारिक मंजूरी दे दी है। रक्षा मंत्रालय कार्यालय ने इस बात की जानकारी देते हुए बताया कि यह कदम भारत के मजबूत घरेलू एयरोस्पेस औद्योगिक पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा। इस प्रोग्राम के तहत सरकारी और निजी दोनों तरह की कंपनियों को समान अवसर दिए जाएंगे।
क्या है AMCA प्रोग्राम?
AMCA एक फिफ्थ जनरेशन फाइटर जेट होगा जिसे पूरी तरह से भारत में ही डिजाइन और निर्मित किया जाएगा। इसका मुख्य मकसद भारतीय वायुसेना को स्टील्थ (रडार से बचने की क्षमता), सुपरसोनिक (ध्वनि की गति से तेज उड़ान) और मल्टीरोल (कई तरह के मिशन करने में सक्षम) क्षमताओं से लैस अत्याधुनिक फाइटर जेट प्रदान करना है। एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी (ADA) उद्योग की भागीदारी के जरिए इस कार्यक्रम को आगे बढ़ाने के लिए पूरी तरह से तैयार है।
आत्मनिर्भरता की दिशा में अहम कदम
भारत की ओर से लिया गया यह फैसला तब और भी अहम हो जाता है जब पड़ोसी देश पाकिस्तान चीन से पांचवीं पीढ़ी के फाइटर जेट्स खरीद रहा है और भारत पर अमेरिका या फिर रूस से ऐसे विमान खरीदने का दबाव बना हुआ है। रक्षा मंत्रालय ने साफ किया है कि इस "निष्पादन मॉडल" का दृष्टिकोण निजी और सार्वजनिक दोनों क्षेत्रों को प्रतिस्पर्धी आधार पर समान मौके देगा। मंत्रालय ने अपने बयान में कहा, वे (कंपनियां) स्वतंत्र रूप से या संयुक्त उद्यम या संघ के रूप में बोली लगा सकती हैं। इकाई/बोलीदाता देश के कानूनों और नियमों का अनुपालन करने वाली भारतीय कंपनी होनी चाहिए।
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इस प्रोग्राम के मंजूर होने से देश को टेक्नोलॉजी में आत्मनिर्भरता मिलेगी और भारत को विदेशी फाइटर जेट्स पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा। साथ ही घरेलू एयरोस्पेस इंडस्ट्री को भी बढ़ावा मिलेगा और भारतीय कंपनियों को लेटेस्ट टेक्नोलॉजी पर काम करने का मौका मिलेगा।
किन देशों के पास हैं पांचवीं पीढ़ी के फाइटर जेट्स?
अभी दुनिया में केवल अमेरिका, रूस और चीन के पास ही 5वीं पीढ़ी के फाइटर जेट हैं। इस क्लब में शामिल होने के बाद भारत दुनिया के उन चुनिंदा देशों में शामिल हो जाएगा जिनके पास यह अत्याधुनिक सैन्य तकनीक है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली सुरक्षा संबंधी कैबिनेट समिति ने पिछले साल इस लड़ाकू विमान कार्यक्रम को सैद्धांतिक मंजूरी दे दी थी।
परियोजना की शुरुआती लागत करीब 15,000 करोड़ रुपये आंकी गई है। भारतीय वायुसेना AMCA परियोजना की दीर्घकालिक जरूरत को देखते हुए इस पर जोर दे रही है। हल्के लड़ाकू विमान विकसित करने के बाद AMCA विकसित करने को लेकर भारत का विश्वास काफी बढ़ गया है जो देश की रक्षा क्षमताओं को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगा।