चीन-पाक के खतरनाक हथियारों से भारत की सुरक्षा को बड़ा झटका, हाइपरसोनिक मिसाइलें आ रही हैं!
punjabkesari.in Tuesday, May 27, 2025 - 07:47 AM (IST)

नई दिल्ली: ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान ने अपनी सैन्य ताकत बढ़ाने के लिए एक नया कदम उठाया है। खबर है कि पाकिस्तान चीन से हाइपरसोनिक मिसाइलों और अत्याधुनिक ड्रोन खरीदने की योजना बना रहा है। ये मिसाइलें ध्वनि की गति से कई गुना तेज होती हैं यानी 6,000 किलोमीटर प्रति घंटे से लेकर 24,000 किलोमीटर प्रति घंटे तक की रफ्तार। इसकी वजह से इन्हें रोकना या ट्रैक करना बेहद मुश्किल होता है, खासकर क्योंकि ये उड़ान के दौरान अपनी दिशा भी बदल सकती हैं और कम ऊंचाई पर उड़ान भरती हैं और चीन ने हाल के वर्षों में इस तकनीक में काफी प्रगति की है।
हाइपरसोनिक मिसाइलों में स्मार्ट स्वार्म तकनीक का भी इस्तेमाल किया जा सकता है, जिससे ये और भी अधिक घातक साबित हो सकती हैं। इस प्रकार के हथियार पाकिस्तान के लिए एक नई ताकत साबित हो सकते हैं, जो भारत के लिए गंभीर सुरक्षा चुनौती बनेंगे।
भारत ने इस खतरे को भांपते हुए अपनी मिसाइल रक्षा प्रणाली को और मजबूत करने के लिए जरूरी कदम उठाना शुरू कर दिया है। दोनों देशों के बीच जारी तनाव के बीच इस हथियार खरीद योजना ने क्षेत्रीय सुरक्षा को और जटिल बना दिया है।
विशेषज्ञों का कहना है कि हाइपरसोनिक तकनीक से लैस मिसाइलें पारंपरिक मिसाइलों की तुलना में तेजी और मारक क्षमता में कई गुना बेहतर होती हैं, जिससे भारत के लिए नई रणनीतिक तैयारियां आवश्यक हो गई हैं।
हाइपरसोनिक मिसाइलों के दो प्रमुख प्रकार हैं:
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हाइपरसोनिक ग्लाइड व्हीकल (HGV): ये मिसाइलें रॉकेट की मदद से ऊपरी वायुमंडल में छोड़ी जाती हैं। वहां से ये अपनी गति बनाए रखते हुए ग्लाइड कर लक्ष्य की ओर बढ़ती हैं। इनके उड़ान के दौरान दिशा बदलने की क्षमता उन्हें पारंपरिक डिफेंस सिस्टम से बचाती है और दुश्मन के लिए इन्हें पकड़ना लगभग नामुमकिन बना देती है।
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हाइपरसोनिक क्रूज मिसाइल: ये स्क्रैमजेट इंजन तकनीक से चलती हैं, जो अत्यधिक गति पर हवा को संपीड़ित कर ईंधन के साथ जलाकर ऊर्जा उत्पन्न करती है। ये मिसाइलें निचली ऊंचाई पर उड़ती हैं, जिससे उन्हें रडार से छिपाना आसान होता है। इनकी सटीकता इतनी अधिक होती है कि ये अपने निशाने को बिना किसी चूक के भेद सकती हैं।