वीर सावरकर पर अलग-थलग पड़ी कांग्रेस, मनमोहन सिंह के बाद सिंघवी ने भी की तारीफ

punjabkesari.in Monday, Oct 21, 2019 - 06:47 PM (IST)

नेशनल डेस्क: महाराष्ट्र में भाजपा के चुनावी घोषणापत्र में वीर सावरकर को भारत रत्न देने की मांग को लेकर उठी राजनीतिक बहस के बीच कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने बड़ा बयान दे दिया है। सिंघवी ने  सावरकर की तारीफ करते हुए कहा कि उन्होंने आजादी की लड़ाई में अहम भूमिका निभाई और देश के लिए जेल गए। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि वह निजी तौर पर सावरकर की विचारधारा से सहमत नहीं हैं। 

 

कांग्रेस नेता ने ट्वीट कर कहा कि मैं व्यक्तिगत तौर पर सावरकर की विचारधारा से सहमत नहीं हूं लेकिन इस तथ्य को नकारा नहीं जा सकता कि वह निपुण व्यक्ति थे जिन्होंने आजादी की लड़ाई में भूमिका निभाई, दलित अधिकारों की लड़ाई लड़ी और देश के लिए जेल गए। यह कभी नहीं भूलना चाहिए। उन्होंने कहा कि भारतीय सोच की ताकत उसका समावेशी होना है। आजादी की लड़ाई के कई आयाम हैं। कोई सावरकर की कट्टरता और उनके राष्ट्रवाद के हिंसक तत्व तथा गांधी के खिलाफ उनके हमले से सहमत नहीं हो सकता, लेकिन यह स्वीकार करना होगा कि उनके इरादे राष्ट्रवादी थे।

 

सिंघवी ने महात्मा गांधी के संदेशों के प्रसार के लिए हिंदी सिनेमा की हस्तियों की मदद लेने की खातिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भी तारीफ की। उन्होंने कहा कि जहां कोई तारीफ का हकदार है वहां उसकी तारीफ होनी चाहिए। गांधी जी के स्वच्छता से जुड़े सन्देश के प्रसार के लिए नरेंद्र मोदी बॉलीवुड की सॉफ्ट पावर का इस्तेमाल कर रहे हैं। सावरकर के संदर्भ में सिंघवी की इस टिप्पणी से कुछ दिनों पहले ही पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने मुंबई में संवाददाता सम्मेलन में कहा था कि प्रधानमंत्री रहते हुए इंदिरा गांधी ने सावरकर की याद में डाक टिकट जारी किया था। उन्होंने यह भी कहा था कि हम सावरकर के खिलाफ नहीं हैं, बल्कि उस विचारधारा के खिलाफ हैं, जिसके पक्ष में वह (सावरकर) खड़े थे।

 

गौरतलब है कि महाराष्ट्र भाजपा ने अपने चुनावी घोषणापत्र में सावरकर को भारत रत्न दिये जाने की मांग की है। इसके बाद से ही इस मसले पर सियासी घमासान छिड़ गया है। भाजपा का यह घोषणापत्र आने के बाद कांग्रेस प्रवक्ता मनीष तिवारी ने अपनी पहली प्रतिक्रिया में कहा था कि अगर सावरकर को भारत रत्न देने पर विचार होता है तो फिर इस देश को भगवान ही बचाए।


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vasudha

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