NPCI का अलर्ट: UPI फ्रॉड से बचने के लिए अपनाएं ये 5 सुरक्षा टिप्स, नहीं तो हो सकती है ठगी
punjabkesari.in Friday, Jul 11, 2025 - 07:08 PM (IST)

नेशनल डेस्क: देश में डिजिटल भुगतान तेजी से बढ़ रहा है और इसमें यूपीआई का हिस्सा सबसे अहम बन चुका है। करोड़ों लोग यूपीआई के माध्यम से रोजाना लेनदेन करते हैं, साथ ही इस सेवा का विस्तार अब UAE समेत अन्य देशों तक भी हो चुका है। एनआरआई भी अब यूपीआई के जरिए अपने बिल या खर्चे आसानी से चुका सकते हैं। लेकिन डिजिटल लेनदेन की बढ़ती लोकप्रियता के साथ यूपीआई फ्रॉड के मामले भी बढ़ते जा रहे हैं।
इसी बात को लेकर नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने यूजर्स की सुरक्षा के लिए विशेष गाइडलाइंस जारी की हैं। NPCI ने डिजिटल भुगतान करने वालों को सतर्क रहने और कुछ खास सुरक्षा उपाय अपनाने की सलाह दी है ताकि धोखेबाजों के जाल में फंसने से बचा जा सके।
यूजर्स के लिए NPCI की सुरक्षा टिप्स:-
- भुगतान करते वक्त हमेशा रिसीवर का नाम और आईडी ध्यान से चेक करें कि आप सही व्यक्ति या बिजनेस को पैसे भेज रहे हैं या नहीं।
- अपना OTP, यूपीआई पिन और बैंक से जुड़ी अन्य निजी जानकारी किसी के साथ साझा न करें। धोखेबाज अक्सर बैंक या सरकारी अधिकारी बनकर ठगी करते हैं।
- केवल आधिकारिक ऐप्स का ही इस्तेमाल करें। अनजान लिंक या संदिग्ध वेबसाइट से बचें। Google Play Store या Apple App Store से ही एप्लिकेशन डाउनलोड करें।
- बैंक और ऐप के नोटिफिकेशन सक्रिय रखें। इससे कोई भी संदिग्ध लेनदेन तुरंत पता चल सके।
- कोई भी व्यक्ति या संस्था यदि जल्दी पैसे वापस मांगती है या डिटेल्स शेयर करने को कहती है, तो तुरंत विश्वास न करें, पहले जांच-पड़ताल करें।
धोखाधड़ी की शिकायत कैसे करें?
यदि किसी संदिग्ध लेनदेन या गतिविधि का सामना करें तो तुरंत नेशनल साइबर क्राइम पोर्टल (https://cybercrime.gov.in) पर शिकायत करें। इसके अलावा हेल्पलाइन नंबर 1930 पर भी संपर्क किया जा सकता है। दूरसंचार विभाग के संचार साथी पोर्टल पर भी शिकायत दर्ज कराई जा सकती है। NPCI ने सलाह दी है कि ऐसी स्थिति में मैसेज, स्क्रीनशॉट और अन्य जरूरी दस्तावेज सुरक्षित रखें ताकि जांच में मदद मिल सके।
डिजिटल दुनिया में सुरक्षित रहने के लिए जागरूकता और सावधानी बेहद जरूरी है। यूपीआई से जुड़े लेनदेन करते समय इन सावधानियों का पालन करें ताकि आपका पैसा सुरक्षित रहे और आप साइबर अपराधियों के शिकार न बनें।