'अम्फान' के बाद अब हिका तूफान का खतरा, 120 किलोमीटर प्रति घंटा होगी रफ्तार

punjabkesari.in Monday, Jun 01, 2020 - 05:19 AM (IST)

अहमदाबादः भारत मौसम विज्ञान विभाग ने रविवार को कहा कि उत्तरी और दक्षिणी गुजरात तटों के पास अरब सागर में गए मछुआरों को आज वापस आ जाना चाहिए और चार जून तक सागर से दूर रहना चाहिए क्योंकि समुद्र में बन रहा कम दबाव का क्षेत्र आगे और मजबूत होकर चक्रवाती तूफान में तब्दील हो सकता है तथा तीन जून तक दक्षिणी गुजरात तटों तक पहुंच सकता है। मौसम विज्ञान विभाग के अहमदाबाद केंद्र ने उत्तरी और दक्षिणी गुजरात तटों पर सभी बंदरगाहों पर दूरस्थ सूचक (डीसी-1) चक्रवात चेतावनी संकेत सक्रिय कर देने का परामर्श दिया है क्योंकि समुद्र में चार जून तक स्थिति अत्यंत खराब रहने की संभावना है। 90 से 100 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चल सकती हैं जिनकी गति 110 किलोमीटर प्रति घंटे तक भी पहुंच सकती है।
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विभाग ने कहा, ‘‘दक्षिण पूर्वी और आसपास के पूर्वी मध्य अरब सागर तथा लक्षद्वीप क्षेत्र के ऊपर कम दबाव का क्षेत्र बना हुआ है। इसके अगले 24 घंटे में पूर्वी मध्य और आसपास के दक्षिण पूर्वी अरब सागर के ऊपर दबाव के रूप में मजबूत होने की संभावना है तथा फिर यह अगले 24 घंटों में और अधिक मजबूत होकर चक्रवाती तूफान के रूप में तबदील हो सकता है। इसके उत्तर की तरफ आगे बढ़ने और तीन जून तक उत्तरी महाराष्ट्र तथा गुजरात तटों के पास पहुंचने की काफी संभावना है।'' इसने कहा, ‘‘समुद्र में गए मछुआरों को परामर्श दिया जाता है कि वे 31 मई तक तटों पर लौट आएं। मछुआरों को परामर्श दिया जाता है कि वे दो जून को दक्षिण गुजरात तट के किनारे या अपतटीय क्षेत्र में, और तीन से चार जून तक उत्तरी एवं दक्षिण गुजरात तट के किनारे तथा अपतटीय क्षेत्र में न जाएं।''
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मौसम विज्ञान विभाग ने कहा कि दो जून को हवाओं की रफ्तार 40 से 50 किलोमीटर प्रति घंटे तक पहुंच जाएगी जो दक्षिणी गुजरात तट पर 60 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार भी पकड़ सकती हैं। इस दौरान समुद्र में स्थिति अत्यंत खराब रहने की संभावना है। इसने कहा कि तीन-चार जून को तूफानी हवाएं 90 से 100 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार पकड़ेंगी और गुजरात के तटों पर इनकी गति 110 किलोमीटर प्रति घंटे तक हो सकती है। इस दौरान समुद्र की स्थिति बहुत अधिक खराब रह सकती है। भारत मौसम विज्ञान विभाग ने कहा कि मछुआरों को यह भी परामर्श दिया जाता है कि वे दक्षिण तटीय ओमान और पास के यमन के ऊपर दबाव का क्षेत्र बनने की वजह से अगले 24 घंटे तक पश्चिमी मध्य अरब सागर के किनारे और दक्षिणी ओमान तथा यमन अपतटीय क्षेत्रों में न जाएं।
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Yaspal

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