44 साल बाद PM मोदी और शाह ने पलटा इंदिरा काल के आपातकाल का वो आदेश...बन गया इतिहास

punjabkesari.in Friday, Jun 25, 2021 - 03:24 PM (IST)

नेशनल डेस्क: इतिहास में 25 जून का दिन भारत के लिहाज से एक महत्वपूर्ण घटना का गवाह रहा है। आज ही के दिन 1975 में देश में आपातकाल लगाने की घोषणा की गई जिसने कई ऐतिहासिक घटनाओं को जन्म दिया। 25 जून 1975 से 21 मार्च 1977 तक की 21 महीने की अवधि में भारत में आपातकाल था। तत्कालीन राष्ट्रपति फ़ख़रुद्दीन अली अहमद ने तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के नेतृत्व वाली सरकार की सिफारिश पर भारतीय संविधान के अनुच्छेद 352 के तहत देश में आपातकाल की घोषणा की थी। स्वतंत्र भारत के इतिहास में यह सबसे विवादास्पद काल था।

 

आपातकाल में चुनाव स्थगित हो गए थे। इतना ही नहीं इसमें एक फैसला और था कि संसद और विधानसभा का कार्यकाल 6 साल करने का। आपको जानकर हैरानी होगी कि इंदिरा गांधी का यह फैसला 2019 तक जिस राज्य में लागू रहा, वो था जम्मू-कश्मीर। जी हां इंदिरा गांधी ने जम्मू कश्मीर में विधानसभा का कार्यकाल छह साल का किया था जबकि अन्य राज्यों में कार्यकाल पांच साल का होता है। जम्मू-कश्मीर में 1975 से विधानसभा का कार्यकाल छह साल का चला आ रहा था लेकिन 5 अगस्त 2019 को जब जम्मू-कश्मीर को केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा मिला तब से यहां भी अब विधानसभा का कार्यकाल देश के बाकी राज्यों की तरह पांच साल का हो गया है। साल 2019 में मोदी सरकार के एक अहम फैसले से आपातकाल से चली आ रही परंपरा का आखिरकार अंत हुआ।

 

बता दें कि इंदिरा गांधी ने 1975 में आपातकाल लागू करने के बाद संविधान में 42वां संशोधन संसद और राज्य की विधानसभा का कार्यकाल छह साल का कर दिया था। शेख मोहम्मद अब्दुल्ला उस समय जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री थे। शेख मोहम्मद कांग्रेस के सहयोग से मुख्यमंत्री बने थे इसलिए वह कुछ नहीं बोले और इंदिरा गांधी के आदेश को मानते हुए विधानसभा का कार्यकाल छह साल कर दिया। 1977 में आपातकाल के हटने के बाद मोरारजी देसाई के नेतृत्व में  जनता पार्टी की सरकार बनी तो उन्होंने  इंदिरा गांधी के सारे फैसले पलट दिए लेकिन जम्मू-कश्मीर में कोई बदलाव नहीं किया। तभी से 44 साल से जम्मू-कश्मीर में छह साल का कार्यकाल चला आ रहा था।

 

1996 में पैंथर्स पार्टी के हर्षदेव सिंह ने कोशिश की कि विधानसभा का छह साल वाला कार्यकाल पलटा जाए लेकिन उनको सफलता नहीं मिली। मोदी सरकार ने भले ही विपक्ष की आलोचना सही और जम्मू-कश्मीर के नेताओं के गुस्से का भी सामना किया लेकिन 5 अगस्त 2019 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की कड़ी कोशिश के बाद आखिरकार जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाने के साथ ही राज्य की विधानसभा का कार्यकाल पांच साल का हो गया।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

Seema Sharma

Recommended News

Related News