3 फीट का दूल्हा 2.5 फीट की दुल्हन को लेने फ्लाइट से आया, जानें क्या बोले लोग
punjabkesari.in Friday, May 23, 2025 - 01:08 AM (IST)

नेशनल डेस्क: उत्तर प्रदेश के कौशांबी जिले में आयोजित मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह समारोह में एक अनोखी शादी सबका ध्यान खींच लाई। इस शादी में तीन फीट के दूल्हे और ढाई फीट की दुल्हन ने एक-दूसरे का जीवनसाथी बनकर लोगों को खुश कर दिया। यह जोड़ा पूरे कार्यक्रम में आकर्षण का केंद्र बना रहा।
मुंबई से आया दूल्हा, कौशांबी की है दुल्हन
जितेंद्र पटेल, जो कि प्रतापगढ़ जिले के माझिल गांव का रहने वाला है, मुंबई में रहकर फलों का व्यापार करता है। शादी के लिए वह खास तौर पर मुंबई से फ्लाइट से गुरुवार को कौशांबी आया।
उसने हीरामणि पटेल, निवासी भरवारी, कौशांबी से विवाह किया। दोनों का कद छोटा होने के कारण यह जोड़ी सभी के लिए खास बन गई।
कैसे तय हुआ रिश्ता?
दूल्हे के भाई राजेंद्र कुमार ने बताया कि एक दिन उनके गांव में एक व्यक्ति आया और बातचीत के दौरान पता चला कि कौशांबी में ही उसी कद की एक लड़की है। फिर दोनों परिवारों के बीच बातचीत हुई और रिश्ता तय कर दिया गया। लड़की के घरवालों ने बताया कि वे बड़े खर्च वाली शादी नहीं कर सकते, इसलिए मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना में शादी करवाने का प्रस्ताव दिया, जिसे लड़के वालों ने खुशी से स्वीकार किया।
‘बहू हमारे लिए लक्ष्मी है’
राजेंद्र ने बताया कि जैसे ही जितेंद्र को यह रिश्ता बताया गया, वह मुंबई से फ्लाइट पकड़कर लखनऊ आया और फिर अपने गांव पहुंचा। शादी में कोई भव्यता न होते हुए भी यह रिश्ता खुशी और भावनाओं से भरपूर था। राजेंद्र ने कहा, “बहू जैसी भी हो, हमारे लिए तो वह लक्ष्मी है।”
321 जोड़ों की हुई शादी
- इस सामूहिक विवाह समारोह में कुल 321 जोड़े शादी के बंधन में बंधे।
- 240 जोड़े अनुसूचित जाति से
- 72 जोड़े अन्य पिछड़ा वर्ग से
- 4 अल्पसंख्यक और
- 5 सामान्य वर्ग से थे।
जिला समाज कल्याण अधिकारी दिलीप कुमार ने बताया कि सरकार की ओर से प्रत्येक जोड़े पर 51,000 रुपये खर्च किए जाते हैं।
- 35,000 रुपये लड़की के खाते में
- 10,000 रुपये की उपयोगी सामग्री (पायल, बर्तन, बिछिया आदि)
- 6,000 रुपये व्यवस्था में खर्च होते हैं।
सराहना पा रही है यह योजना
यह योजना उन परिवारों के लिए बहुत सहायक है जो आर्थिक रूप से कमजोर हैं। खासकर जितेंद्र और हीरामणि की शादी ने साबित कर दिया कि सच्चे रिश्ते रूप, कद या पैसे से नहीं बल्कि दिल से बनते हैं।