MP ः छिंदवाड़ा में 15 दिनों में किडनी फेल होने से 6 बच्चों की मौत, 2 कफ सिरप पर प्रतिबंध

punjabkesari.in Friday, Oct 03, 2025 - 04:16 AM (IST)

नेशनल डेस्कः  मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा ज़िले से एक दिल दहला देने वाली खबर सामने आई है। यहां पिछले 15 दिनों में 6 मासूम बच्चों की मौत किडनी फेल होने से हो चुकी है। शुरुआत में इसे सामान्य मौसमी बुखार माना जा रहा था, लेकिन अब जांच में शक है कि मौत की वजह जहरीली खांसी की दवा हो सकती है।

कैसे हुई शुरुआत

सभी बच्चे 5 साल से छोटे थे। उन्हें हल्का बुखार और सर्दी हुई थी। स्थानीय डॉक्टरों ने सामान्य दवाओं के साथ खांसी का सिरप दिया। शुरुआत में बच्चे ठीक लगने लगे, लेकिन कुछ ही दिनों बाद उनकी तबीयत फिर बिगड़ गई। सबसे पहले पेशाब कम होना शुरू हुआ। फिर तेज संक्रमण और किडनी की समस्या सामने आई। हालत बिगड़ने पर उन्हें महाराष्ट्र के नागपुर अस्पताल ले जाया गया, लेकिन वहां भी 3 बच्चों की जान नहीं बच सकी।

माता-पिता का दर्द

एक पीड़ित पिता ने रोते हुए कहा – “हमारे बच्चे पहले कभी बीमार भी नहीं हुए। इस बार बस हल्का बुखार था। डॉक्टर ने सिरप दिया और उसके बाद पेशाब बंद हो गया। हमने सब कोशिश की, पर बचा नहीं पाए।”

जांच में बड़ा खुलासा

किडनी बायोप्सी में सामने आया कि बच्चों के शरीर में डायथिलीन ग्लाइकोल (Diethylene Glycol) पाया गया है। यह एक जहरीला केमिकल है, जो अक्सर दवाओं में मिलावट के कारण मौत का कारण बनता है। अधिकांश बच्चों को Coldrif और Nextro-DS सिरप दिया गया था। छिंदवाड़ा कलेक्टर शीलेंद्र सिंह ने तुरंत इन दोनों दवाओं की बिक्री ज़िले में बैन कर दी। डॉक्टरों और मेडिकल दुकानों को अलर्ट किया गया है।

प्रशासन की सख्ती

कलेक्टर ने कहा – “बायोप्सी रिपोर्ट साफ दिखाती है कि दवाओं में मिलावट से किडनी फेल हुई। पानी के सैंपल में कोई संक्रमण नहीं मिला। दवा का लिंक नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता।”

जांच में जुटी टीमें

ICMR की टीम छिंदवाड़ा पहुंच चुकी है। भोपाल स्वास्थ्य विभाग की दो सदस्यीय टीम भी परासिया, न्यूटन चिखली और आसपास के गांवों में जांच कर रही है। गांव-गांव जाकर दवा के सैंपल लिए जा रहे हैं और बच्चों की सेहत की जांच हो रही है।

 


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Content Writer

Pardeep

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