ग्राम स्तर पर 5000 मीट्रिक टन भंडारण क्षमता के गोदाम
punjabkesari.in Saturday, Aug 05, 2023 - 06:49 PM (IST)

चंडीगढ़ 5 अगस्त - (अर्चना सेठी) कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव सुधीर राजपाल ने कहा कि कृषि अवसरंचना कोष योजना के तहत पंचायत विभाग द्वारा ग्राम स्तर पर 5000 मीट्रिक टन भंडारण क्षमता के गोदाम बनाए जाए ताकि राज्य में अनाज भण्डारण की आवश्यकताओं को पूरा किया जा सके।
अतिरिक्त मुख्य सचिव आज यहां कृषि अवसंरचना कोष योजना की राज्य स्तरीय मॉनिटरिंग कमेटी की बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने अधिकारियों को बागवानी व सब्जी उत्पादक किसानों के लिए पैक हाऊस तथा कृषि उत्पादों व पैक्स में खाद भण्डारण हेतु गोदाम बनाने की परियोजनाओं की तरफ विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए।
उन्होंने कहा कि कृषि अवसरंचना कोष योजना के तहत अब तक हरियाणा के 1119 उद्यमियों के लिए 886 करोड़ रुपए की राशि स्वीकृत की जा चुकी है। जिनमें से 935 उद्यमियों को 736 करोड़ रुपए की राशि जारी की जा चुकी है। उन्होंने कहा कि जिला स्तरीय कार्यान्वयन कमेटी के माध्यम से डीपीआर तैयार करवाकर उद्यमी इस योजना के लिए आवेदन कर सकते है।
अतिरिक्त मुख्य सचिव ने ने बताया कि इस योजना के तहत फसल के कटाई बाद बुनियादी प्रबंधन एवं सामुदायिक कृषि परिसंपतियों के सृजन हेतू मध्यम एवं दीर्घकालिक ऋण व वित्तपोषण की सुविधा प्रदान की जाती है। इस योजना में केन्द्र सरकार द्वारा 3900 करोड़ रुपए के ऋण का प्रावधान किया गया है जिसका वितरण वर्ष 2025-26 तक किया जाएगा। इस कोष का मुख्य उद्वेश्य फसल कटाई के बाद के नुकसान को कम और किसानों की आय में वृद्धि करना हैं।
उन्होंने बताया कि कृषि अवसरंचना कोष के तहत कृषि उद्यमी, स्टार्टअप, स्वयं सहायता समूह, किसान उत्पादक संगठन, संयुक्त देयता समूह, प्राथमिक कृषि साख समितियों, विपणन सहकारी समितिंयों, बहुउद्वेशीय सहकारी समितियां, कृषि उत्पाद विपणन समितियां गोदाम और साईलोज, कोल्ड स्टोर और कोल्ड चैन बनाने के लिए आवश्यकताओं के सशक्तिकरण हेतू 2 करोड़ रूपये तक के ऋण मुहैया करवाया जाता है। इस ऋण पर सरकार द्वारा 3 प्रतिशत तक ब्याज में आर्थिक सहायता लाभार्थियों को दी जाती है।
अतिरिक्त मुख्य सचिव ने कहा कि वर्ष 2023-24 के दौरान विभिन्न संरचनाओं हेतु 925 करोड़ रुपये का ऋण दिया जाएगा। अभी तक इस वर्ष में 150 करोड़ का ऋण दिया जा चुका है। इस योजना की मुख्य विशेषता यह है कि केन्द्र व राज्य सरकार की किसी योजना में अनुदान लेते हुए लाभार्थी इस योजना का भी का लाभ ले सकता है।