नाले के पास खून से लथपथ और निर्वस्त्र मिली मासूम, 4 साल की बच्ची के साथ किया बेरहमी से रेप
punjabkesari.in Sunday, Nov 09, 2025 - 06:22 PM (IST)
नेशनल डेस्क : पश्चिम बंगाल के हुगली जिले से इंसानियत को शर्मसार कर देने वाली एक घटना सामने आई है। यहां तारकेश्वर रेलवे स्टेशन परिसर के पास सो रही एक 4 वर्षीय बच्ची को उसके माता-पिता के पास से अगवा कर लिया गया और उसके साथ यौन उत्पीड़न किया गया। घंटों बाद बच्ची खून से लथपथ और निर्वस्त्र हालत में नाले के पास मिली। पुलिस ने इस मामले में बच्ची के दादा को हिरासत में ले लिया है और उनसे पूछताछ की जा रही है।
मच्छरदानी काटकर किया अपहरण
पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, यह घटना शुक्रवार को तारकेश्वर रेलवे स्टेशन परिसर के पास हुई, जहां बच्ची का परिवार शरण लिए हुए था। परिवार की शिकायत के अनुसार, जब बच्ची मच्छरदानी के अंदर सो रही थी, तब आरोपी ने मच्छरदानी फाड़ी, उसे उठाया और अगवा करके ले गया। इसके बाद बच्ची के साथ यौन उत्पीड़न किया गया।
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खून से लथपथ मिली बच्ची
सुबह जब बच्ची अपने बिस्तर से गायब मिली, तो परिवार में हड़कंप मच गया। घंटों की तलाश के बाद, रिश्तेदारों ने उसे दोपहर में स्टेशन के पास एक नाले के किनारे खून से लथपथ और निर्वस्त्र हालत में पाया। बीजेपी आरामबाग जिला सचिव, पर्णा अदाक ने घटना की भयावहता बताते हुए कहा कि बच्ची के गाल पर काटने के निशान थे और घंटों के इलाज के बावजूद उसके गुप्तांगों से खून बह रहा था।
अस्पताल और पुलिस पर लापरवाही के आरोप
बच्ची को तुरंत तारकेश्वर ग्रामीण अस्पताल ले जाया गया, जहां प्राथमिक उपचार के बाद उसे डिस्चार्ज कर दिया गया। इस पर परिवार ने अस्पताल कर्मचारियों पर घोर लापरवाही का आरोप लगाया। परिवार का दावा है कि खून बहने के बावजूद अस्पताल ने तुरंत पुलिस को सूचना नहीं दी। जब परिवार बाद में पुलिस स्टेशन पहुंचा, तो अधिकारियों ने कथित तौर पर उन्हें वहां से वापस भेज दिया। पुलिस बाद में बच्ची को वापस अस्पताल लाई, जिसके बाद बीजेपी नेताओं और कार्यकर्ताओं ने अस्पताल परिसर में विरोध प्रदर्शन किया और पुलिस तथा डॉक्टरों दोनों पर लापरवाही का आरोप लगाया।
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शुभेंदु अधिकारी ने ममता सरकार को घेरा
बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने इस घटना को लेकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की सरकार की कड़ी आलोचना की और उन्हें 'एक विफल मुख्यमंत्री' बताया। अधिकारी ने 'X' पर पोस्ट करते हुए आरोप लगाया कि तारकेश्वर पुलिस 'अपराध को दबाने' और 'राज्य की नकली कानून व्यवस्था की छवि' को बचाने में व्यस्त थी। वहीं, तारकेश्वर के विधायक रमेंदु सिन्हा रॉय ने इसे 'बेहद अफसोसजनक' बताते हुए रेलवे पुलिस की तरफ से 'सुरक्षा विफलता' का संकेत दिया। उन्होंने कहा कि प्रशासन ने बाद में सभी आवश्यक चिकित्सा व्यवस्था सुनिश्चित की। फिलहाल, आरोपी के खिलाफ पॉक्सो (POCSO) अधिनियम के तहत एफआईआर दर्ज कर ली गई है और पुलिस मामले की गहनता से जांच कर रही है।
