किसान आंदोलन का 28वां दिन-सरकार से बातचीत को लेकर आज फिर बैठक करेंगे किसान, मनाएंगे ‘शहीदी दिवस'

punjabkesari.in Wednesday, Dec 23, 2020 - 09:44 AM (IST)

नेशनल डेस्क: प्रदर्शनकारी किसान संगठन नए सिरे से बातचीत के केंद्र सरकार के प्रस्ताव पर आज एक बार फिर से फैसला करेंगे। वहीं केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने उम्मीद जताई कि नए कृषि कानूनों पर गतिरोध को खत्म करने के लिए बातचीत जल्दी ही फिर शुरू होगी। केंद्र सरकार के नए कृषि कानूनों के विरोध में प्रदर्शन कर रहे किसानों के एक समूह ने मंगलवार को हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को काले झंडे दिखाए और अंबाला शहर में उनके काफिले को को रोकने का प्रयास किया।

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दिल्ली की सीमा पर तीन नए कृषि कानूनों की वापसी को लेकर 26 नवंबर से प्रदर्शन कर रहे किसानों के समर्थन में कई राज्यों में प्रदर्शन हो रहे हैं। उत्तर प्रदेश में किसानों के एक समूह को जब रामपुर-मुरादाबाद टोल प्लाजा पर रोका गया तो उनकी पुलिस के साथ झड़प हो गई। तीन नए कृषि कानूनों के समर्थन में किसानों के एक समूह ने दिल्ली-नोएडा बॉर्डर पर धरना दिया जिसकी वजह से नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेस वे पर सैकड़ों वाहनों की कतार लग गई। अधिकारियों ने बताया कि ग्रेटर नोएडा-नोएडा मार्ग पर सामान्य यातायात करीब तीन घंटे बाद ही बहाल हो पाया। 

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आज फिर होगी बैठक
किसान नेता कुलवंत सिंह संधू ने दिल्ली के सिंघू बॉर्डर पर संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि पंजाब की 32 किसान यूनियनों ने मंगलवार को बैठक की और आगे के कदम के बारे में विचार विमर्श किया। उन्होंने कहा कि देशभर के किसान नेताओं की एक बैठक बुधवार को होगी, जहां बातचीत के लिए सरकार के प्रस्ताव पर फैसला किया जाएगा। संधू ने कहा कि वे ब्रिटेन के सांसदों को भी पत्र लिखेंगे और उनसे आग्रह करेंगे कि वे 26 जनवरी को भारत के गणतंत्र दिवस समारोह में शामिल नहीं होने के लिए अपने प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन पर दबाव डालें। बता दें कि जॉनसन अगले महीने होने वाले कार्यक्रम में मुख्य अतिथि होंगे।

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23 से 26 दिसंबर तक ‘शहीदी दिवस' मनाएंगे किसान
संधू ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि किसान नेता 23 से 26 दिसंबर तक ‘शहीदी दिवस' मनाएंगे। प्रदर्शनकारी किसान संघों ने पहले ही 25 से 27 दिसंबर तक हरियाणा के राजमार्गों पर टोल वसूली रोकने का ऐलान किया है। ऑल इंडिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस (एआईटीयूसी) और उसके सहयोगी संगठनों ने कहा कि वे 23 दिसंबर को किसानों के साथ एकजुटता प्रदर्शित करने के लिए ‘दोपहर का भोजन' छोड़ेंगे। वहीं महाराष्ट्र में मुंबई उपनगर जिलाधीश कार्यालय के बाहर मंगलवार को किसानों के एक समूह ने प्रदर्शन किया और केंद्र के तीन नए कृषि कानूनों को वापस लिए जाने की मांग की।

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सरकार को उम्मीद जल्द खत्म होगा आंदोलन
केंद्रीय कृषि मंत्री तोमर ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि प्रदर्शनकारी किसान संगठन जल्द अपनी आंतरिक चर्चा पूरी करेंगे और संकट के समाधान के लिए सरकार के साथ पुन: वार्ता शुरू करेंगे। तोमर ने दिल्ली और उत्तर प्रदेश के दो और किसान संगठनों के प्रतिनिधियों से भी मुलाकात की, जिन्होंने कानूनों के प्रति अपना समर्थन जताया है। कृषि मंत्री ने दोनों समूहों से मुलाकात के बाद कहा कि विभिन्न किसान संगठनों के प्रतिनिधि यह बताने आए थे कि कानून अच्छे हैं और किसानों के हित में हैं। वे सरकार से यह अनुरोध करने आए थे कि कानूनों में कोई संशोधन नहीं किया जाए।

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बता दें कि केंद्र सरकार सितंबर में पारित तीन नए कृषि कानूनों को कृषि क्षेत्र में बड़े सुधार के तौर पर पेश कर रही है, वहीं प्रदर्शन कर रहे किसानों ने आशंका जताई है कि नए कानूनों से MSP (न्यूनतम समर्थन मूल्य) और मंडी व्यवस्था खत्म हो जाएगी और वे बड़े कॉरपोरेट पर निर्भर हो जाएंगे। सरकार ने बार-बार दोहराया है कि MSP और मंडी व्यवस्था कायम रहेगी और उसने विपक्ष पर किसानों को गुमराह करने का आरोप लगाया है।


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Seema Sharma

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