‘तितली’ के कहर से ओडिशा और आंध्र में 23 की मौत, कई इलाकों में अभी तक बिजली ठप्प

punjabkesari.in Monday, Oct 15, 2018 - 09:01 AM (IST)

भुवनेश्वर /विशाखापत्तनम: चक्रवाती तूफान ‘तितली’ के कहर से ओडिशा और आंध्र प्रदेश में अब तक 23 लोगों की मौत होने तथा पांच लोगों के लापता होने की खबर है।  विशाखापत्तनम से प्राप्त रिपोर्ट के मुताबिक ‘तितली’ तूफान के कारण आंध्र प्रदेश के श्रीकाकुलम जिले में आठ लोगों की मौत गई और विभिन्न गांवों में 8900 घर पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए। तटवर्ती इलाके के दो मछुआरे लापता हैं जबकि 290 किलोमीटर की लंबाई में सड़क क्षतिग्रस्त है। करीब पांच हजार गांवों में विद्युत आपूर्ति पूरी तरह ठप्प है। प्रारंभिक आकलन के मुताबिक 139844 हेक्टेयर में लगी फसल नष्ट हो गयी जबकि 87 पशुओं की भी मौत हो गयी। इसके अलावा 80 जलस्त्रोत भी टूट गए।
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जिले में प्रभावित लोगों को राहत उपलब्ध कराने के लिए 15 राहत शिविर खोले गए हैं।  ओडिशा के गजपति जिले के रायगडा ब्लॉक के ग्राम बारघरा में भूस्खलन स्थल से बचाव दल ने पंद्रह शवों को बाहर निकाला है और तीन लोग अभी भी लापता हैं। विशेष राहत आयुक्त बीपी शेट्टी ने रविवार को कहा कि भूस्खलन में मरने वाले लोगों के परिजनों को सरकार चार लाख रुपए की सहायता राशि देगी। आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि गत 11 अक्तूबर को ओडिशा तट पर चक्रवाती तितली तूफान के टकराने के दौरान बारघरा ग्राम में रहने वाले 75 परिवारों में से 68 परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया गया है।
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वहीं शेष बचे सात परिवारों ने पहाड़ी पर बनी एक गुफा के भीतर आश्रय लिया था लेकिन भीषण बारिश के कारण वह सभी लोग गुफा के भीतर ही फंस गए। मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक भूस्खलन के कारण कम से कम बारह लोगों की मौत हो गई है जिसमें पांच बच्चे भी शामिल है और अन्य लापता है। राज्य सरकार ने कल बचाव दल की एक टीम को घटनास्थल पर भेजा। मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने कल तूफान और बाढ़ प्रभावित राजगडा, गजपति और गंजम जिलों का हवाई निरीक्षण करने के बाद प्रभावित जिलों के लिए पंद्रह दिनों के लिए राहत सामग्री उपलब्ध कराने की घोषणा की थी।
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एसआरसी दफ्तर के सूत्रों के मुताबिक भूस्खलन स्थल से प्राप्त सभी पंद्रह शवों का पोस्टमार्टम पूरा हो चुका है और शवों को उनके परिजनों को सौंप दिया गया है। इसके साथ ही लापता उन तीनों लोगों की तलाश के लिए अभियान जारी है जिन्होंने चक्रवाती तूफान से बचने के लिए गुफा के भीतर शरण ली थी।


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Seema Sharma

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