दुर्भाग्यपूर्ण था 1975 का आपातकाल लेकिन इंदिरा गांधी ने माफी मांगी थी - शरद पवार
punjabkesari.in Wednesday, Jun 25, 2025 - 08:47 PM (IST)

National Desk : आपातकाल की 50वीं वर्षगांठ पर देश में भाजपा और कांग्रेस के बीच बयानबाजी चरम पर पहुंच गई है। इसी बीच राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के नेता शरद पवार ने भी इस विषय पर अपना मत व्यक्त किया। उन्होंने 50 साल पहले लागू किए गए आपातकाल को दुर्भाग्यपूर्ण करार देते हुए याद दिलाया कि तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने इसके लिए माफी भी मांगी थी। मुंबई में श्रमिक संगठनों के कार्यक्रम में पवार ने कहा कि नागरिकों के मौलिक अधिकारों की सुरक्षा सबसे महत्वपूर्ण जिम्मेदारी है और आज भी जनता को जागरूक और सतर्क रहना चाहिए।
इंदिरा गांधी ने मांगी थी माफी
पवार ने बताया कि आपातकाल के समय कांग्रेस के कई नेताओं के बीच असंतोष था। उन्होंने यह भी याद दिलाया कि बाद में इंदिरा गांधी ने आपातकाल लागू करने पर माफी मांगी थी। इसके अलावा, शरद पवार ने कहा कि आपातकाल के बाद कांग्रेस दो समूहों में बंट गई थी—कांग्रेस (इंदिरा) और कांग्रेस (सोशलिस्ट)।
पवार ने बताया कि उस समय उन्होंने कांग्रेस (सोशलिस्ट) का समर्थन किया था। हालांकि वे पूरी तरह से तैयार नहीं थे, फिर भी इंदिरा कांग्रेस और कांग्रेस (एस) ने मिलकर महाराष्ट्र में सरकार बनाई थी। पवार ने कहा कि 1978 में उनके नेतृत्व में ऐसी सरकार बनी थी, जिसमें आपातकाल का विरोध करने वाले कई नेता शामिल थे।
अब अघोषित आपातकाल लागू : पवार
पवार ने वर्तमान केंद्र सरकार (भाजपा) की निंदा करते हुए कहा कि आज भी सरकार की आलोचना बर्दाश्त नहीं की जाती। मीडिया में सरकार के खिलाफ बोलने वालों को धमकाया जाता है। उन्होंने यह भी कहा कि घोषित आपातकाल और बिना घोषणा के लागू आपातकाल में फर्क होता है, लेकिन दोनों का प्रभाव समान होता है।
जॉर्ज फर्नांडीस महान नेता थे
अपने बयान में पवार ने दिवंगत जॉर्ज फर्नांडीस को याद किया और कहा कि वे एक मजदूर नेता से लेकर केंद्र सरकार के मंत्री तक का सफर तय कर चुके थे। उन्होंने बताया कि 1967 में फर्नांडीस ने मुंबई के चर्चित नेता एसके पाटिल को हराया था, जिन्हें ‘मुंबई का राजा’ कहा जाता था। पवार ने कहा कि आपातकाल के दौरान फर्नांडीस को भूमिगत रहना पड़ा था और उन्होंने लोकतंत्र की रक्षा के लिए कड़ी लड़ाई लड़ी। कार्यक्रम के अंत में शरद पवार ने नागरिकों से अपील की कि वे लोकतंत्र और संविधान की सुरक्षा के लिए हमेशा एकजुट रहें, क्योंकि यह हम सभी की सबसे बड़ी जिम्मेदारी है।