Next 5 years Gold price: सोना बन रहा बेशकीमती संपत्ति.. अगले पांच साल में कितनी होगी 10 ग्राम Gold की कीमत, देखें रिपोर्ट
punjabkesari.in Wednesday, Aug 13, 2025 - 11:17 AM (IST)

नई दिल्ली: एक वक्त था जब 10 ग्राम सोने की कीमत 30,000 रुपये के आसपास हुआ करती थी। फिर धीरे-धीरे यह आंकड़ा 50,000 के पार गया, और अब 1 लाख रुपये का स्तर भी पार कर चुका है। दिल्ली में आज 24 कैरेट 10 ग्राम सोना 1,02,640 रुपए पर बिक रहा है, जो देशभर के बाकी शहरों में भी लगभग समान है। यानी, 6 सालों में सोने की कीमतों में लगभग 200% का उछाल देखने को मिला है।
अब सवाल ये उठता है- क्या सोना ऐसे ही महंगा होता जाएगा? क्या 10 ग्राम सोना 2 लाख रुपये से भी ज्यादा का हो सकता है? आइए जानते हैं सोने की कीमतों में इस बेतहाशा बढ़त की वजह और भविष्य की संभावनाएं।
क्यों लगातार बढ़ रही है सोने की कीमत?
वित्तीय विशेषज्ञों का मानना है कि सोने की कीमतों में तेजी के पीछे वैश्विक तनाव सबसे बड़ी वजह है। वर्तमान में रूस-यूक्रेन युद्ध, इरान-इज़रायल टकराव, वैश्विक मंदी की आहट और कोविड-19 के बाद की अनिश्चितताओं ने निवेशकों को अस्थिर बाजारों से बचकर सुरक्षित संपत्ति यानी गोल्ड की ओर रुख करने पर मजबूर किया है। लइसके साथ ही, मुद्रास्फीति (Inflation) और कमजोर होती करेंसी वैल्यू भी निवेशकों को सोने में पनाह लेने के लिए प्रेरित कर रही है।
Gold में निवेश क्यों बन रहा है समझदारी?
पारंपरिक रूप से भारतीय बाजार में सोना एक भावनात्मक और आर्थिक निवेश रहा है। लेकिन अब अंतरराष्ट्रीय निवेशक भी इसे ‘सेफ हेवन’ एसेट के रूप में देख रहे हैं। इसका उदाहरण अप्रैल 2025 में देखने को मिला, जब MCX (मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज) पर 10 ग्राम सोना ₹1,01,078 तक पहुंच गया था। एक रिपोर्ट के मुताबिक, अगर सोने की कीमतें इसी गति से बढ़ती रहीं (18% प्रतिवर्ष के हिसाब से), तो अगले 5 वर्षों में 10 ग्राम गोल्ड की कीमत ₹2,25,000 से ₹2,50,000 तक पहुंच सकती है।
क्या कहती हैं अंतरराष्ट्रीय परिस्थितियां?
हालांकि, कुछ रिपोर्ट्स यह भी संकेत देती हैं कि सोने का बाजार अब संभावित समेकन (Consolidation) की स्थिति में प्रवेश कर रहा है। इसका मतलब यह है कि जब तक कोई बड़ा वैश्विक झटका नहीं आता, कीमतों में ज्यादा उतार-चढ़ाव देखने को नहीं मिलेगा।
इसके संकेत हाल की कुछ घटनाओं से भी मिलते हैं:-
चीन ने अपने बीमा सेक्टर की कुल संपत्तियों का मात्र 1% ही गोल्ड में निवेश किया है। कई सेंट्रल बैंक अब सोने की खरीद में धीमी गति अपना रहे हैं। इन कारकों से संकेत मिलता है कि आने वाले समय में सोने की कीमतें एक सीमा पर स्थिर हो सकती हैं — बशर्ते कि कोई नया बड़ा भू-राजनीतिक या आर्थिक संकट सामने न आए।
निवेशकों के लिए क्या है सलाह?
यदि आप लॉन्ग टर्म निवेशक हैं, तो सोना अभी भी एक मजबूत विकल्प माना जा सकता है। बाजार विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि अपने पोर्टफोलियो का 5-10% हिस्सा सोने में निवेश करना फायदेमंद हो सकता है। छोटे निवेशकों के लिए gold etf, डिजिटल गोल्ड या सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (SGB) जैसे विकल्प भी मौजूद हैं, जो शारीरिक सोने से सुरक्षित और अधिक व्यावसायिक हैं।