22 नवंबर की शाम करें ये उपाय, मन चाहे धन का वरदान पाएं

punjabkesari.in Saturday, Nov 21, 2015 - 01:12 PM (IST)

भगवान विष्णु से जो भक्त प्रेम करते हैं उन्हें सदा ही एकादशी व्रत का पालन सच्चे भाव से करना चाहिए । पद्मपुराण के अनुसार पक्षियों में गरुड़, नदियों में गंगा, मासों में कार्तिक मास जितना श्रेष्ठ है, उतना ही तिथियों में एकादशी तिथि का यह व्रत पुण्यफलदायक है । इस व्रत में बिना मांगे ही भक्त को सभी सुखों की प्राप्ति होती है । वैसे तो पूरा मास दीपदान करने का महात्मय है परंतु एकादशी व्रत में शाम को दीपदान करने तथा रात्रि संकीर्तन से बड़ा कोई कर्म नहीं है।

एकादशी के दिन आदिदेव भगवान विष्णु की शक्ति महालक्ष्मी जी के पूजन का भी विधान है। उन्हीं की सहायता से भगवान विष्णु इस सृष्टि का पालन-पोषण करते हैं। देवी लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होने के बाद भक्त को कभी धन की कमी नहीं होती। जिस घर में नियमित रूप से, प्रत्येक शुक्रवार अथवा एकादशी को लक्ष्मी पुत्रों के नाम जाप का पाठ होता है वहां मां लक्ष्मी का स्थाई वास होता है और भक्त मन चाहे धन का वरदान पा सकता है।
 
1. ॐ देवसखाय नम:,
2. ॐ चिक्लीताय नम:,
3. ॐ आनंदाय नम:,
4. ॐ कर्दमाय नम:,
5. ॐ श्रीप्रदाय नम:,
6. ॐ जातवेदाय नम:,
7. ॐ अनुरागाय नम:,
8. ॐ संवादाय नम:,
9. ॐ विजयाय नम:, 
10. ॐ वल्लभाय नम:,
11. ॐ मदाय नम:,
12. ॐ हर्षाय नम:,
13. ॐ बलाय नम:,
14. ॐ तेजसे नम:,
15. ॐ दमकाय नम:,
16. ॐ सलिलाय नम:,
17. ॐ गुग्गुलाय नम:,
18. ॐ कुरूंटकाय नम:

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